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सरस मेले के दसवे दिन कल स्थानीय उत्पादों सहित अन्य राज्यों के पारंपरिक उत्पादों को मेले आए लोगों ने खरीदा।

 सरस मेले के दसवे दिन कल स्थानीय उत्पादों सहित अन्य राज्यों के पारंपरिक उत्पादों को मेले आए लोगों ने खरीदा।

सरस मेले के दसवे दिन कल स्थानीय उत्पादों सहित अन्य राज्यों के पारंपरिक उत्पादों को मेले आए लोगों ने खरीदा। मेले में लोगों ने कश्मीरी शॉल स्वेटर और लेडीज सूट अखरोट कश्मीर के बादाम आदि की खूब खरीदारी की।
आज सांस्कृतिक संध्या मैं लोक गायक करण रावत ने गढ़वाली घुमणा खुली शैली बौजी 2 हेमना घसेटी मना
3 दीपा एक विदेशी चिराग है गानों मैं लोग को झूमने पर मजबूर किया। अंशु थपलियाल क्लासिकल गायक रंगी सारी गुलाबी- (दादरा/राग:- मिश्र पहाड़ी) हमरी अटरिया पे – (दादरा/राग:-मित्र भैरवी mil. बैलम परदेसिया हाय-(दादरा राग:-पहाड़ी) गढ़वाली गीत-मन भरमैगी मेरी, बातें मुरलिया – भजन : सांस्कृतिक संध्या, सरस मेला
में आज देहरादून उपशास्त्रीय संगीत के अंतर्गत ठुमरी, दादरा, कजरी और अंत में
दर्शकों की 18 मांग पर, लतानी एवं. भीमसेन जोशी जी द्वारा रचित गाना बाजे मुरलिया भजन गाया ।
सरस में उत्तराखंड के समस्त 95 ब्लॉक से रायसेन सहायता समूह सही अन्य राज्यों से आए स्वयं सहायता समूह, नहमत स्वयं सहायता समूह बिहार, शंकर सहायता समूह. संस्था समूह केरल, उज्जवला स्वयं सहायता समूह महाराष्ट्र, सन सुखी संसार का समूह मेघालय, श्री राम स्वयं सहायता समूह हरियाणा, सायापात्री सहायता समूह सिक्किम, वैष्णवी सहायता समूह राजस्थान, दवीयनखासा समूह छत्तीसगढ़, कृष्णा स्वयं सहायता समूह आदि समूहों के स्टाल लगे हैं। मेले में आज शनिवार की वजह होने से लोगों की काफी भीड़ गई और लोगों ने दिवाली की भी खरीदारी की।
सरस मेले में मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास अभिकरण आर सी तिवारी एवं जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल तथा सरस मेले में कार्य कर रहे कार्मिक उपस्थित रहे।

Rakesh Kumar Bhatt

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