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अस्पताल स्टाफ से फटकार मिलने के बाद गर्भवती महिला ने खेल के मैदान में दिया नवजात को जन्म

 अस्पताल स्टाफ से फटकार मिलने के बाद गर्भवती महिला ने खेल के मैदान में दिया नवजात को जन्म

अस्पताल स्टाफ से फटकार मिलने के बाद गर्भवती महिला ने खेल के मैदान में दिया नवजात को जन्म

रुद्रपुर/देहरादून ऊधमसिंह नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती होने गई गर्भवती ने अस्पताल स्टाफ से फटकार मिलने के बाद इंदिरा गांधी खेल मैदान में नवजात को जन्म दिया। घटना की सूचना मिलते ही विधायक राजेश शुक्ला सीएचसी पहुंचे। उन्होंने फटकार लगाकर स्वास्थ्यकर्मियों के इस व्यवहार पर सख्त नाराजगी जताई। जच्चा-बच्चा को आनन-फानन में सीएचसी में भर्ती किया गया।

मूल रूप से दोषपुर जिला सुल्तानपुर (यूपी) निवासी सर्वेश ने बताया कि वह अपने तीन-चार साथी परिवारों के साथ रुद्रपुर में मछली मंडी के निकट झोपड़ी में रहता था। पिछले दिनों आई आपदा में झोपड़ी बह गयी, जिसके बाद वह लोग बेघर हो गये और अपने गांव चले गये। कुछ दिन पहले वह लोग काम-धंधे की तलाश में किच्छा पहुंचे। यहां कोई आसरा न मिलने पर इंदिरा गांधी खेल मैदान में खुले आसमान के नीचे ही रहने लगे।

सर्वेश ने बताया कि उसकी पत्नी राजवती (30) गर्भवती थी। उसे प्रसव पीड़ा हुई तो वह राजवती को सीएचसी ले गया। सर्वेश का आरोप है कि वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने महिला चिकित्सक के छुट्टी होने की बात कहकर पत्नी को कुछ दवाईयां देकर वापस भेज दिया। सर्वेश अपनी पत्नी को इंदिरा गांधी खेल मैदान वापस ले आया। राजवती को कुछ देर बाद तेज प्रसव पीड़ा हुई। सर्वेश उसे दोबारा सीएचसी ले गया, तो स्वास्थ्यकर्मियों ने उसे फटकार कर भगा दिया। फिर से राजवती दर्द से करहाती हुई इंदिरा गांधी खेल मैदान में वापस आ गई। राजवती की हालत देखते हुए साथ की अन्य महिलाओं ने चादरों की आढ़कर डिलीवरी कराई। राजवती ने खुले आसमान के नीचे नवजात बेटे को जन्म दिया।

कुछ लोगों ने इस घटना की जानकारी विधायक राजेश शुक्ला को दी। सूचना पर विधायक सीएचसी पहुंच गए। विधायक यहां सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचसी त्रिपाठी पर बिफर उठे। उन्होंने फटकार लगाते हुए कार्रवाई कराने की बात कह डाली। इससे अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और इंदिरा गांधी खेल मैदान से राजवती को लाकर सीएचसी में भर्ती किया। किच्छा के विधायक राजेश शुक्ला ने कहा सीएचसी की महिला चिकित्सक यदि छुट्टी पर थीं, तो अन्य नर्सिंग स्टाफ को गर्भवती राजवती को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल रेफर करना चाहिए था। दोषी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। किच्छा सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एचसी त्रिपाठी ने कहा कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। सभी बिंदुओं को देखते हुए दोषी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Rakesh Kumar Bhatt

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