Breaking News

कैन्ट विधानसभा सीट पर पोखरियाल की दावेदारी से कांग्रेस में हलचल

 कैन्ट विधानसभा सीट पर पोखरियाल की दावेदारी से कांग्रेस में हलचल

कैन्ट विधानसभा सीट पर पोखरियाल की दावेदारी से कांग्रेस में हलचल

देहरादून। विधानसभा चुनावों को नजदीक देखकर चुनाव लड़ने के इच्छुक सभी दावेदार अपनी अपनी विधानसभाओं में सक्रिय हो गए हैं। कांग्रेस में प्रदेश की राजधानी दून के कैन्ट विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने के इच्छुक कई दावेदार सामने आ रहे है। वर्तमान में इस सीट पर भाजपा काबिज है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस इस सीट पर विजय हासिल करने के लिए उम्मीदवार बदलने पर भी विचार कर सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप मंे चुनाव मैदान में सूर्यकांत धस्माना चुनाव मैदान में उतरे थे।

आगामी विधानसभा चुनाव सिर पर है। ऐसे में कांग्रेस ने इस बार जीत हासिल करने के लिए कमर पूरी तरह से कस ली है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस बार प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र दावेदारों की फरमैन्स पूरी तरह से चौक करेगी। बताया यह भी जा रहा है कि कांग्रेस जीत सुनिश्चित करने के लिए पिछले विधानसभा के प्रत्याशियों में भी फेरबदल कर सकती है। खास तौर पर उन विधानसभा क्षेत्रों जहां पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। उनके प्रत्याशी बदलने पर भी विचार किया जा रहा है। देहरादून की कैंट विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस से सुर्यकांत धस्माना, लाल चंद शर्मा,विरेन्द्र पोखरियाल सहित नवीन जोशी आदि दावेदारी जता रहे है।

पिछले विधानसभा चुनाव में सुर्यकांत धस्माना चुनाव मैदान में उतरे थे। जिन्हे भाजपा प्रत्याशी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। राजनीतिक गलियारों में इस मामले में चर्चा यह रही कि धस्माना के राज्य आन्दोलन के दौरान लगे आरोपों के कारण उन्हे जनता ने नकारा है। अगर अन्य दावेदारों की बात करें तो नवीन जोशी और लालचंद शर्मा जमीनी नेता नही है। महानगर अध्यक्ष लाल चन्द शर्मा ने तो अपने कार्यकाल के दौरान वार्डाे में अध्यक्षों तक को भी नामित नही किया। जिससे कई वार्डाे में कांग्रेस का कुछ अतापता नही है और रही विरेन्द्र पोखरियाल की बात तो वे कांग्रेस के समय छात्र संघ चुनाव जीते उसके बाद से वे लगातार राजनीतिक व सामाजिक कार्याे में सक्रिय है। उन्हे एक किस्म से जमीनी नेता भी कहा जा सकता है। साथ ही उनके दामन पर कोई दाग भी नही है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अगर इस सीट पर टिकट बदलने पर विचार होता है तो उसके बाद कांग्रेस के पास चुनाव जीतने के लिए विरेन्द्र पोखरियाल से अच्छा कोई विकल्प मौजूद नही है। वैसे राजनीतिक का उंट किस करवट बैठेगा कुछ कहा नही जा सकता।

Rakesh Kumar Bhatt

https://www.shauryamail.in

Related post

error: Content is protected !!