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कब है मौनी अमावस्या? जानें शुभ तिथि, मुहूर्त व महत्व

 कब है मौनी अमावस्या? जानें शुभ तिथि, मुहूर्त व महत्व

हिंदू धर्म में सभी अमावस्या की तिथि का अपना-अपना महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, माघ माह में पड़ने वाली अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या या माघ अमावस्या भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन व्रत और दान करने का बहुत ज्यादा महत्व है। मान्यता है कि इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और श्राद्ध करना बेहद शुभ माना गया है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन भगवान शिव और विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन जो जातक भगवान शिव और विष्णु की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में किसी भी चीज की परेशानी नहीं हैं। साथ ही उन दोनों का आशीर्वाद भी मिलता है। आइए इस खबर में मौनी अमावस्या के शुभ मुहूर्त शुभ तिथि और महत्व के बारे में जानेंगे। साथ ही इस दिन क्या करना चाहिए क्या नहीं ये भी जानेंगे।

मौनी अमावस्या की शुभ तिथि

दृक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी 2024 दिन शुक्रवार को पड़ रहा है। ऐसे में अमावस्या तिथि की शुरुआत सुबह के 8 बजकर 1 मिनट से हो रही है और समापन 10 फरवरी 2024 दिन शनिवार को सुबह 4 बजकर 29 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, मौनी अमावस्या फरवरी को मनाई जाएगी।

मौनी अमावस्या की शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त के लिए शुभ मुहूर्त सुबह के 5 बजकर 21 मिनट से लेकर सुबह के 6 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह के 7 बजकर 5 मिनट से लेकर 11 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो दोपहर के 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 58 मिनट तक है। विजय मुहूर्त दोपहर के 2 बजकर 26 मिनट से लेकर 3 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। अमृत काल दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से लेकर 3 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।

मौनी अमावस्या का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या की तिथियों में मौनी अमावस्या की तिथि सबसे श्रेष्ठ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन स्नान दान करने का साथ ही मौन व्रत रखने का विधान होता है। जो जातक इस दिन मौन व्रत रखते हैं, उनके मन को शांति मिलती है। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय, ओम खखोल्काय नम: मंत्र के साथ भगवान शिव के मंत्र ओम नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव और विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Rakesh Kumar Bhatt

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