देवभूमि की माटी में रची बसी है राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना : मुख्यमंत्री
उत्तराखंड(हल्द्वानी),शुक्रवार 07 नवंबर 2025
मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर राज्य निर्माण व राष्ट्र सेवा में उनके योगदान के लिए सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वास्तव में वीरभूमि है, जहां की माटी में ही राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना रची बसी है। उत्तराखंड का हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उसके घर से कोई न कोई भारत माता की सेवा में समर्पित है।
राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज प्रांगण में आयोजित ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ करने के बाद संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरांगनाओं एवं उनके परिजन शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों एवं उनके परिवारों के कल्याण के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि हर सैनिक परिवार तक योजनाओं का लाभ सहज रूप से पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों एवं आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जाएगा, जिससे पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों की नारियों को आवासीय भवन निर्माण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में सैनिकों के 150 बच्चों के लिए एक आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा,जिससे सैनिक परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
सैनिक कभी ‘पूर्व’ नहीं होता, वह सदैव सैनिक रहता
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों का जीवन अनुशासन, समर्पण और बलिदान की मिसाल है। सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में राष्ट्र विरोधी सोच का कोई स्थान नहीं है और आज भारत में सभी जरूरी सैन्य उपकरण देश में ही बनाए जा रहे हैं तथा भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। ऑपरेशन सिंधु मेघ में स्वदेशी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइलों की सफलता का भी उन्होंने जिक्र किया। सम्मेलन में जनपद नैनीताल की 31 तथा ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री धामी ने शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
वीर नारियों का सम्मान पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण: सैनिक कल्याण मंत्री
कार्यक्रम में राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि यह दिन उत्तराखंड के लिए गर्व और भावनाओं से परिपूर्ण है। उत्तराखंड की पवित्र भूमि ने देश को अनेक वीरता पदक विजेता दिए हैं, परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र से सम्मानित वीर, जो सदैव हमारी प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि आज की वीर नारियों और वीरांगनाओं का सम्मान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव का क्षण है। उत्तराखंड का पंचम धाम, सैन्य धाम का शीघ्र लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वीरता पदक प्राप्त सैनिकों को निशुल्क बस यात्रा की सुविधा दी गई है। प्रदेश सरकार अब तक 22 हजार से अधिक पूर्व सैनिकों को रोजगार उपलब्ध करा चुकी है। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में छात्रावास निर्माण के लिए गन्ना सेंटर के समीप 6.4 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन किया जा चुका है और मुख्यमंत्री इसका शिलान्यास शीघ्र करेंगे।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है और सरकार सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य महेन्द्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, रामसिंह कैड़ा, डॉ.मोहन बिष्ट, मेयर गजराज बिष्ट, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरम्वाल, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दर्जा राज्य मंत्री नवीन वर्मा, सुरेश भट्ट,अनिल कपूर (डब्बू), शंकर कोरंगा, कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, डीएम ललित मोहन रयाल, एसएसपी मंजूनाथ टीसी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं पूर्व सैनिक उपस्थित रहे।