Breaking News

आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक, सदस्य देशों को चुस्त-दुरुस्त रहने की जरूरत – रुचिरा कंबोज

 आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक, सदस्य देशों को चुस्त-दुरुस्त रहने की जरूरत – रुचिरा कंबोज

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने शनिवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि आतंकवाद से उत्पन्न खतरा गंभीर और सार्वभौमिक है और सदस्य राज्यों को इस मुद्दे के समाधान के लिए चुस्त, आगे की सोच और व्यापक कानून पेश करने की आवश्यकता है। उन्होंने नई दिल्ली में ताज पैलेस में यूएनएससी की आतंकवाद विरोधी समिति (सीटीसी) की बैठक में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद की है, लेकिन उन्होंने चुनौतियों को भी जन्म दिया है, जिन पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ध्यान देने की जरूरत है।

यूएन में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि इस बैठक का मुख्य फोकस आतंकवादियों द्वारा नई और उभरती हुई तकनीक का दुरुपयोग है, जिसमें सूचना और संचार तकनीक, आतंक के वित्तपोषण, और ड्रोन सहित मानव रहित हवाई प्रणाली पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा, आतंकवादी उद्देश्यों के लिए नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग बढ़ रहा है, उनका विविधीकरण हो रहा है और नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, क्योंकि विभिन्न प्रौद्योगिकियां सस्ती और अधिक आसानी से उपलब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद का खतरा गंभीर और सार्वभौमिक है और दुनिया के कई हिस्सों में, विशेष रूप से अफ्रीका और दक्षिण एशिया के कई हिस्सों में बढ़ता जा रहा है। दुनिया के किसी भी हिस्से में आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस बात की पुष्टि करें कि आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, प्रेरणा की परवाह किए बिना, और कहीं भी, जब भी और किसी के द्वारा भी किया जाता है।

Rakesh Kumar Bhatt

https://www.shauryamail.in

Related post

error: Content is protected !!