विभिन्न जनसमस्याओं के समाधान के लिये विधानसभा पर जोरदार प्रदर्शन ,मुख्यमंत्री को आठ सूत्रीय मांग पत्र दिया

उत्तराखंड(देहरादून),मंगलवार 18 फरवरी 2025
आज विभिन्न राजनैतिक दलों एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने आज उत्तराखण्ड विधानसभा सत्र के पहले दिन विधानसभा पर जोरदार प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट श्री प्रत्युष सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया ।इस अवसर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की , _मांग की गई एलिवेटेड रोड ,एनजीटी के फैसले को वापस लिया जाये ,बस्तियों को मालिकाना हक तथा सहसपुर में भूमि अधिग्रहण वापस लेने तथा देवाल में वन विभाग के नोटिसों को वापस लेने ,द्रोणपुरी में अवैध गेट लगाने पर रोक लगाने तथा उत्तराखण्ड के छूटे हुये आन्दोलकारियो के चिन्हिकरण करने तथा यूसीसी वापस लेने जैसे मुद्दों पर जमकर नारेबाजी कि_ ।आज प्रदर्शनकारी एलआईसी बिल्डिंग धर्मपुर में एकत्रित हुऐ तथा जलूस कि शक्ल में हरिद्वार रोड़ से विधानसभा कूच किया जहां भारी पुलिस बल कि मौजूदगी में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपे ।प्रदर्शन में ,सिपिआईएम,सिपिआई,आयूपी, बसपा ,यूकेडी ,चेतना आन्दोलन ,यूकेडी, सीआईटीयू ,एटक ,जनवादी महिला समिति ,किसान सभा ,उत्तराखण्ड आन्दोलकारी संयुक्त परिषद आदि शामिल थे ।
_मुख्य मुद्दे :-_
_हम उत्तराखण्ड के विभिन्न राजनैतिक दलों ,जन संगठनों की ओर से विधानसभा पर आयोजित इस कार्यक्रम /प्रदर्शन के माध्यम से आपकी सरकार द्वारा लाये गये यूसीसी कानून से असहमति जताते हैं ।
मान्यवर ,जबसे उत्तराखण्ड में डबल इन्जन सरकार आयी है ,कोरपोरटपरस्त तथा नीजिकरण की नीतियों के परिणामस्वरूप आमजन की समस्याओं में भारी इजाफा हुआ राज्य के संसाधनों पर कॉरपोरेट का कब्जा हुआ है तथा राज्य में स्थाई रोजगार की स्थिति दयनीय हुई है तथा पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन तेजी से बढा़ है तथा मैदानी जिलों की स्थिति बदतर हुई ।यहां की खेतीबाड़ी खत्म हुई व जमीन कंक्रीट में बदल गये ।बढ़ते शहरीकरण के परिणामस्वरूप आबादी का बड़ा हिस्सा मलिन बस्तियों में रहने लगा यहां भी आपकी सरकार द्वारा एलिवेटेड रोड़ तथा एनजीटी के फैसले को लागू करने से हजारों परिवारों को बेदखल करने की साजिश चल रही है ,इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में साईबर सिटी के नाम पर काश्तकारों एवं क्षेत्रवासियों की भूमि का जबरन अधिग्रहण की कार्यवाही से क्षेत्र की जनता में भारी रोष व्याप्त है,इस सन्दर्भ सहसपुरवासियों द्वारा एक पत्र नगर विकास मन्त्री को भी दिया गया ।
मान्यवर ,उत्तराखण्ड के चिन्ह्नीकरण से छूटे हुऐ आन्दोलकारियों की मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही जिसके चलते इनमें भारी रोष व्याप्त है ।इसी प्रकार कमजोर भू कानून के परिणामस्वरूप राज्य की भूमि के बड़े हिस्से पर भूमाफियाओं का कब्जा हो गया है ,सरकार को इनको संरक्षण देने के बजाय राज्य हित में एक मजबूत भू कानून लाना चाहिए ताकि राज्य की जल ,जंगल ,जमीन की रक्षा की जा सके ।
मान्यवर ,आपकी पार्टी व आपकी सरकार समय पर मलिन एवं कमजोर बस्तियों के हितों की रक्षा के लिऐ मालिकाना हक का वायदा किया था जो कि लम्बी अवधि बितने के बावजूद लागू नहीं हुआ ।
मान्यवर ,हम इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे निम्नलिखित बिंदुओं पर जनहित में कार्यवाही करने की कृपा करेंगे ।_
( *1) जनविरोधी यूसीसी को तत्काल वापस लिया जाए।
(2) बस्तियों के हटाने के एनजीटी के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर किया जाये ।
(3)एलिवेटेड रोड़ के नाम पर बस्तियों को उजाड़ना बन्द करो ।
(4)उत्तराखण्ड के छूटे हुये आन्दोलनकारियों की चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरु की जाये ।
(5)उत्तराखण्ड में भूमाफियाओं एवं जमीनों के अत्यधिक खरीदफरोख्त पर रोक लगाने के सशक्त भू कानून बनाया जाये ।
(6)सहसपुर क्षेत्र में साईबर सिटी के नाम पर ग्रामीणों की भूमि के अधिग्रहण पर रोक लगाओ
(7)देवाल में 500 परिवारों वन विभाग के नोटिस वापस लो ।
(8) द्रोणपुरी में सार्वजनिक मार्ग पर अवैध गेट लगाने की साजिश के खिलाफ ।*
_इस अवसर सिपिआईएम से राजेन्द्र पुरोहित (राज्य सचिव) शिवप्रसाद देवलि(जिला सचिव) ,अनन्त आकाश देहरादून सचिव अनन्त आकाश बीएसपी के महामंत्री सतेन्द्र चोपड़ा , जिलाध्यक्ष दिग्विजय सिंह ,आयूपि केन्द्रीय अध्यक्ष नवनीत गुंसाई ,अमित परमार,यूकेडी से महिला अध्यक्ष मेजर सन्तोष भण्डारी, केन्द्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ,सीआईटीयू से महामंत्री लेखराज, उपाध्यक्ष
भगवंत पयाल , एटक के प्रदेश महमन्त्री अशोक शर्मा महिला समिति से उपाध्यक्ष बिन्द मिश्रा,कुसुम नौडियाल ,बस्ति बचओ आन्दोलन के किरण यादव ,सोनू कुमार ,किसान सभा के प्रदेश अध्य्क्ष सुरेन्द्र सजवण कौषध्यक्ष मला गुरूंग,इस्लाम अलि,कांग्रेस के मण्डल अध्यक्ष अल्ताफ अहमद ,संजय भारती,चेतना आन्दोलन के राजेन्द्र शाह ,सुनिता,उत्तराखण्ड आन्दोलनकरि परिषद के केन्द्रीय प्रवक्ता चिन्तन सकलनि ,अमित परमार,पीएस एम के कमलेश खन्तवल ,अभिषेक भण्डारी (एआईएलयू )सहित अंजलि पुरोहित ,सुरेशी नेगी ,शबनम , जनकि भट्ट,गुमान सिंह ,सबिर ,सजिल ,Difficult नेगी ,कुन्दन सिंह,कमला देवी ,सुमित्रा ,अदनान ,एडवोकेट दुर्गा ध्यानी ,रविन्द्र नौडियाल , हरिश कुमार ,गुरू प्रसाद ,विकास रावत ,नब्बूद्दिन आदि बड़ी संख्या में लोग शामिल थे ।