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भविष्य को ध्यान में रखकर चारधाम यात्रा से जुड़ी रणनीति बनाई जाए : मुख्यमंत्री धामी

 भविष्य को ध्यान में रखकर चारधाम यात्रा से जुड़ी रणनीति बनाई जाए : मुख्यमंत्री धामी

उत्तराखंड(रुद्रप्रयाग),गुरुवार 09 मई 2024

मुख्यमंत्री ने भविष्य को ध्यान में रखकर चारधाम यात्रा से जुड़ी रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम यात्रा को लेकर अधिकारी संवेदनशीलता से कार्य करें। किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रुद्रप्रयाग पहुंच कर चारधाम और केदारनाथ धाम यात्रा के दृष्टिगत जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्हाेंने कहा कि बाबा केदारनाथ से देश-विदेश के लोगों की श्रद्धा जुड़ी है और हर वर्ष बाबा के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। आने वाले समय में यात्रा और बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में जरूरी है कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए ही सभी रणनीति एवं योजनाएं बनाई जाएं। इस अवसर पर उन्होंने यात्रा मार्ग का भी निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यात्रा मार्ग पर सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत क्रैश बैरियर के साथ ही पेड़ लगाये जाने की पहल शुरू की जाए। इससे सड़क हादसों एवं नुकसान में कमी लायी जा सकेगी। जनपद में यह प्रयोग सफल होने पर पूरे राज्य में इसे लागू करने का प्रयास किया जाएगा। जनपद रुद्रप्रयाग बाबा केदारनाथ का निवास स्थान है। ऐसे में जनपद प्रशासन की कोशिश होनी चाहिए कि यहां इस प्रकार की पहल शुरू हो और पूरा राज्य उसे अपनाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड विविधताओं से भरा राज्य है ऐसे में जनपद के भूगोल और अन्य संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ही विकास की रणनीति बननी चाहिए। विकास के साथ-साथ विरासत का ध्यान रखा जाना भी जरूरी है। उन्होंने पौधरोपण के अलावा जल संचय के लिए भी विशेष प्रयास करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए।

उन्होंने प्रशासन एवं पुलिस को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि किसी भी हाल में श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। ड्यूटी में तैनात कर्मचारी एवं सुरक्षा बल खुद वीआईपी दर्शन की होड़ में न रहें, यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा सड़क, स्वच्छता, शौचालय, बिजली-पानी की आपूर्ति,स्वास्थ्य सहित रहने सहने की उचित व्यवस्था हो और इसे लगातार सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने पुलिस प्रशासन को हेली सेवाओं के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से श्रद्धालुओं को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत सिस्टम तैयार करने के निर्देश दिए। यात्रा ड्यूटी में लगे सभी कर्मचारियों को श्रद्धालुओं के साथ सौम्यता के साथ पेश आने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने पेयजल आपूर्ति को लेकर भी व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने और आगामी मानसून सत्र के लिए अभी से तैयारियां करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। बैठक में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक विशाखा अशोक भदाणे ने केदारनाथ यात्रा को लेकर जिला स्तर से की गई तैयारियों एवं नए प्रयासों की रिपोर्ट पेश की।

इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष रुद्रप्रयाग अमरदेई शाह, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी,दर्जाधारी मंत्री चंडी प्रसाद भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

कर्मचारियों के लिए गर्म जैकेट लांच किया-

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की ओर से यात्रा रूट पर तैनात सफाई कर्मचारियों, पीआरडी जवानों, स्वयंसेवकों, पुजारियों एवं अन्य कर्मचारियों के लिए तैयार किए गए गर्म जैकेट एवं यूनीफॉर्म भी लॉन्च की। इसके साथ ही यात्रा रूट के लिए तैयार गाइडलाइन एवं हेल्प बुक की भी लांचिंग की। इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से सभी कर्मचारियों के लिए करवाए जा रहे सामूहिक बीमा मुख्यमंत्री ने लांच करते हुए पहला बीमा पत्र भी जारी किया।

यात्रा मार्ग का किया निरीक्षण-

मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी तक सड़क मार्ग का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से यात्रा मार्ग पर महिला समूहों के सशक्तिकरण के लिए दुग्ध विभाग की ओर बनाए गए आंचल कैफे का भी उद्घाटन किया। साथ ही विभिन्न स्थानों पर बनाई गई पार्किंग एवं पार्क का भी अवलोकन किया।

पिरूल लाओ धन पाओ की शुरुआत-

मुख्यमंत्री रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के अन्तर्गत वनाग्नि सुरक्षा कार्यो का जायजा लिया तथा रतूडा के निकट चीड वन क्षेत्र में वनाग्नि रोकथाम में लगे वनकर्मियों एवं फायर वाचरों से मिले। मुख्यमंत्री ने फायर टीम के साथ फायर रेक द्वारा पिरूल हटाया और ब्लोअर को पिरूल हटाने व फायर लाइन सफायी में कारगर बताया। प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग की ओर से अवगत कराया कि वनाग्नि मुक्त चारधाम यात्रा हेतु प्रभाग के अन्तर्गत पांच वनाग्नि नियत्रण सेक्टर बनाये गये हैं जो त्वरित और कुशल ढंग से आग को नियंत्रित करेगी।

मुख्यमंत्री की ओर से चीड पिरूल का एकत्रीकरण कर ब्रेकैट बनाने को प्रोत्साहन देने पर बल दिया और स्थानीय रोजगार को जोड़ने की पहल पिरुल लाओ धन पाओ की शुरुआत स्वयं पिरूल एकत्रीकरण कर की। साथ ही मुख्यमंत्री ने फायर लाइन प्रबंधन के लिए सामुदायिक भागीदारी व मिशन मोड पर किए जाने पर ज़ोर दिया।

Rakesh Kumar Bhatt

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