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राज्य आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पर अभी भी भरोसा है की वाह चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के बारे में जरूर कुछ फैसला करेंगे

राज्य आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पर अभी भी भरोसा है की वाह चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के बारे में जरूर कुछ फैसला करेंगे

उत्तरकाशी चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विजेंद्र पोखरियाल ने बताया कि चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति उत्तराखंड कई बार अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास तक कुच करा और विधानसभा कुच करने के पश्चात सरकार की मीडिया सलाहकार राज्यमंत्री के द्वारा आश्वासन के बावजूद आज तक राज्य सरकार द्वारा कोई भी कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गई जिससे राज्य आंदोलनकारियों में तीव्र आक्रोश है और पुनः मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन देकर निम्न वत मांगों पर सुनिश्चित कार्रवाई का शासनादेश लागू करने की मांग की जिसमें राज्य आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पर अभी भी भरोसा है की वाह चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के बारे में जरूर कुछ फैसला करेंगे ।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों समिति ने कहा है कि मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाएं और चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों को 10% क्षेतिज आरक्षण आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा में लाकर कानून का रूप दिया जाए और साथ ही शासनादेश लागू किया जाए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन पूर्व की भांति सभी को दिया जाए और राज्य आंदोलनकारियों को राज्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा दिया जाए जिनका चिन्हिकरण मानकों के अनुसार जिला अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तर व तहसील स्तर की समिति द्वारा चिन्हिकरण किया गया उन्हें अतिशीघ्र पेंशन दिया जाए चिन्हिकरण से वंचित राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण किया जाए उत्तराखंड राज्य के निर्माण के पीछे एक बड़ी वजह यहां की बेरोजगारी नौजवानों का रोजगार उपलब्ध करवाना था। उच्च न्यायालय के आदेश द्वारा यह समूह ग की भर्ती सेवा योजना कार्यालय की अनिवार्यता समाप्त करना इस राज्य के स्थानीय बेरोजगारों के साथ एक धोखा है जब समूह ग में भी उत्तराखंड के बेरोजगारों को मौका नहीं मिलेगा तो इस राज्य के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह लगेगा। संयुक्त समिति राज्य सरकार से मांग करती है कि समूह ग के साथ पीछे की परीक्षाओं में राज्य के मूल निवासियों को प्राथमिकता दिया जाए साथ में 1950 मूल निवास अनिवार्यता लाई जाए उत्तराखंड राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त करने हेतु सशक्त लोकायुक्त कानून लागू किया जाए और उत्तराखंड राज्य में राज्य गठन के पश्चात से दो बार की परिसीमन में क्षेत्रफल के मानक पर राज्य की पहाड़ की सीटें और मैदान की सीटें बढ़ने पर भी पहाड़ राज्य की परिकल्पना समाप्त हो रही है अब पुनः 2025 में परिसीमन होना है जिससे मैदान की सीटें ज्यादा हो साथ ही राज्य गठन का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा राज्य आंदोलनकारी सरकार से मांग करते हैं कि अगले परिसीमन से पहले तथ्यों के साथ अपने

 क्षेत्रफल के हिसाब से परिसीमन करने की गंभीर प्रयास किया जाए साथ में कहा है कि आंदोलनकारियों में इस बात को लेकर तीव्र आक्रोश है कि पूर्व की सरकारों द्वारा आंदोलनकारियों की भी सुविधा को धीरे-धीरे समाप्त करने का प्रयास कर रही है पिछले 4 वर्षों से राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण से लंबित मामले और पेंशन बढ़ाए जाने के के साथ-साथ आश्रितों के पेंशन और शहीदों राज आंदोलनकारियों की माता पिता को मिलने वाली पेंशन भी अभी तक लागू की गई राज्य आंदोलनकारियों की सुविधा हेतु दायरा बढ़ाने को शीघ्र राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद बहाल करने को लेकर राज्य आंदोलनकारियों में सकारात्मक ऊर्जा की पहल जाग रही है.

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पर अभी-अभी राज्य आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री पर पूर्ण विश्वास जाहिर किया और कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री जी 7 दिन के अंतर्गत में राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करेंगे आज की बैठक वर्चुअल के माध्यम से चयनित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ विजेंद्र पोखरियाल आयोजक कमेटी के अध्यक्ष अवतार बिष्ट ,केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अनिल बिष्ट ,केंद्रीय उपाध्यक्ष बाल गोविंद गोपाल, केंद्रीय प्रवक्ता डॉक्टर जेएस चौहान ,महिला प्रकोष्ठ केंद्रीय अध्यक्ष सावित्री नेगी, केंद्रीय उपाध्यक्ष चंदी पोखरियाल, केंद्रीय उपाध्यक्ष अरुणा थपलियाल ,अचिन्हित प्रकोष्ठ केंद्रीय अध्यक्ष नरेश चंद्र भट्ट ,गढ़वाल मंडल अध्यक्ष कृति निधि साजवाण ,गढ़वाल मंडल प्रवक्ता विनोद जुगरान ,केंद्रीय उपाध्यक्ष सलीम अहमद, आदि सैकड़ों चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने पर चढ़कर भाग लिया साथ में कहा कि उपचुनाव में राज्य आंदोलनकारियों ने कमर कस ली गढ़वाल मंडल अध्यक्ष कृति निधि सजवाण ने कहा है कि राज्य आंदोलनकारी चुनाव के दौरान मुंहतोड़ जवाब देंगे साथ में यह भी कहा है कि कुछ लोग चिन्हित नहीं है वहां चयनित राज्य आंदोलनकारियों के अपने आपको अध्यक्ष बनाते हैं इनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और राज्य सरकार को राज्य आंदोलनकारियों के खिलाफ गुमराह करते आ रहे हैं राज्य सरकार को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करनी चाहिए जिससे राज्य सरकार की छवि धूमिल ना पड़े राज्य आंदोलनकारियों के नजर दिल दिमाग में यही चाहत हैं कि ऐसे लोगों को गुमराह होने से राज्य सरकार बच्चे और राज्य आंदोलनकारियों को सम्मानित करें

 

Rakesh Kumar Bhatt

https://www.shauryamail.in

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