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चौंकाने वाले होंगे इस बार चुनावी दंगल में उतारने वाले कई नाम

 चौंकाने वाले होंगे इस बार चुनावी दंगल में उतारने वाले कई नाम

चौंकाने वाले होंगे इस बार चुनावी दंगल में उतारने वाले कई नाम

आईपीएस और आईआरएस ही नहीं कुछ आईएएस और पत्रकार समेत कुछ खिलाड़ी भी चुनावी मैदान में इस बार अपनी जोर आजमाइश कर सकते हैं। हालांकि उन्हें टिकट जातिगत समीकरणों और माहौल के अनुसार मिलने का अनुमान है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बहुत सारे प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोग और समाज में अन्य वर्गों से जुड़े प्रतिष्ठित लोग निश्चित तौर पर भाजपा के संपर्क में हैं…

पांचों राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान हो चुका है। कड़कड़ाती ठंड के बीच चुनावी राज्यों में भी राजनीतिक पारा भी ऊपर चढ़ना शुरू हो गया है। ऐसे माहौल में अब सबसे ज्यादा चर्चा राजनीतिक दलों के भावी उम्मीदवारों की हो रही है। माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ऐसे प्रत्याशी चुनाव में उतार सकती है जो न सिर्फ लीक से हटकर होंगे बल्कि चौंकाने वाले भी होंगे। राजनीतिक कयास यह भी लगाए भी जा रहे हैं कि ये चेहरे कौन होंगे और कहां से इन्हें राजनीति के दंगल में उतारा जा सकता है। हर पार्टी अपने उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने में लगी है और माना जा रहा है कि अगले दो तीन दिनों में प्रमुख पार्टियों की पहली सूची जारी हो सकती है।
आम आदमी पार्टी और भाजपा पहले से ही लीक से हटकर प्रत्याशियों को उतारने के लिए जानी जाती रही है। इस चुनाव में भी सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश में दिए जाने वाले टिकटों पर लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश में आप ने अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन भाजपा ने अभी तक किसी का नाम तय नहीं किया है। जितने विधायक हैं, उन सभी को टिकट मिलेगा या नहीं इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि टिकट सभी भाजपा विधायकों को मिलेगा, इसकी तो कोई गारंटी नहीं ले सकता है। वह कहते हैं कि निश्चित तौर पर कुछ नाम ऐसे हो सकते हैं, जो चौंकाने वाले लगें, लेकिन पार्टी के लिए वह जिताऊ प्रत्याशी होंगे तो निश्चित तौर पर बदल ही जाएंगे।

कुछ नौकरशाह, पत्रकार औऱ खिलाड़ी भी टिकट की लाइन में

कानपुर के पुलिस आयुक्त आईपीएस असीम अरुण के वीआरएस लेने के बाद उनके चुनाव लड़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक असीम अरुण को कन्नौज से भाजपा अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। क्योंकि असीम अरुण के पिता भी उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी भी रहे थे, उन्हें मायावती और राम प्रकाश गुप्ता के कार्यकाल में एससी-एसटी आयोग का अध्यक्ष नामित किया जा चुका था। ऐसे में प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव के साथ-साथ जातिगत समीकरणों को साधते हुए भाजपा असीम अरुण को प्रत्याशी बना सकती है। आईपीएस अफसर सिर्फ असीम अरुण ही भाजपा के टिकटार्थियों की लाइन में नहीं है, बल्कि पुलिस सेवा से सुर्खियों में बनी रहने वाली एक जांच एजेंसी में गए वरिष्ठ अधिकारी भी इन दिनों सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं। उन्होंने वीआरएस भी ले लिया है।

टिकट जातिगत समीकरणों के आधार पर

सूत्रों का कहना है कि प्रमुख जांच एजेंसी से जुड़े उक्त अधिकारी को भी भाजपा चुनावी मैदान में उतार सकती है। आईपीएस और आईआरएस ही नहीं कुछ आईएएस और पत्रकार समेत कुछ खिलाड़ी भी चुनावी मैदान में इस बार अपनी जोर आजमाइश कर सकते हैं। हालांकि उन्हें टिकट जातिगत समीकरणों और माहौल के अनुसार मिलने का अनुमान है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बहुत सारे प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोग और समाज में अन्य वर्गों से जुड़े प्रतिष्ठित लोग निश्चित तौर पर भाजपा के संपर्क में हैं। चूंकि टिकट देने का फैसला चुनाव समिति और पार्टी आलाकमान करता है। इसलिए यह कहना मुश्किल होगा कि किसे टिकट मिलेगा, और किसे नहीं। लेकिन वे यह बात जरूर कहते हैं कि आने वाले विधानसभा चुनावों में कुछ टिकट ऐसे हो सकते हैं जो निश्चित तौर पर मुख्य रूप से सियासी चेहरे तो नहीं होंगे, लेकिन लीडरशिप के रोल में जरूर कहीं न कहीं भूमिका अदा कर रहे होंगे।

कट सकते हैं कई मौजूदा विधायकों के टिकट

जब ऐसे बहुत से नए लोगों को टिकट मिलने की चर्चा है, तो जाहिर है कुछ मौजूदा विधायकों के टिकट कटेंगे भी। इस बात को लेकर अभी से विधायकों में गहमागहमी है। वे अपने-अपने संपर्क सूत्रों के जरिये से जानकारी जुटाने में लगे हैं। इस बारे में बीते सप्ताह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर जब कुछ लोगों ने जिक्र किया, तो उनका साफ तौर पर कहना था पार्टी में कार्यकर्ता ही सबसे अहम होता है बाकी अन्य पद नहीं। योगी ने भी इसे लेकर गोलमोल ही जवाब दिया था।

कांग्रेस भी नए नामों और उम्मीदवारों से चौंकाएगी

चौकाने वाले नामों के साथ सिर्फ भाजपा ही नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी भी चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी 40 फ़ीसदी महिलाओं को टिकट देगी, इसलिए निश्चित तौर पर ये नाम खासे चौंकाने वाले ही होंगे। प्रियंका गांधी ने तो कुछ नामों की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा किया है कि उन्हें टिकट मिलने वाला है। इसमें लखीमपुर खीरी की उस महिला का भी जिक्र किया गया है, जिसके कपड़े तक फाड़ दिए गए थे। लखीमपुर के पास स्थित मैगलगंज की रहने वाली इस महिला से प्रियंका गांधी मिलने भी गई थीं। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है ऐसी ही कई महिलाएं इस बार चुनाव के मैदान में नजर आएंगी, जो बिल्कुल अलग संदेश भी देंगी और नजीर भी पेश करेंगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक यह नाम बेहद जमीन से जुड़े हुए या संघर्ष करने वाली महिलाओं के ही होंगे। भले ही उनका कार्यक्षेत्र कोई भी हो। हालांकि पार्टी में टिकट के लिए आवेदन करने की तारीख बहुत पहले निकल चुकी है, लेकिन नामों पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

Rakesh Kumar Bhatt

https://www.shauryamail.in

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