Breaking News
जिलाधिकारी सविन बंसल ने राजपुर रोड स्थित सर्किल बार में आग लगने की घटना को गंभीरता से लिया और बार का लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित कर दियाबीआईएस प्रमाणित वस्तुओं का उपयोग देश को बनाएगा आत्मनिर्भर : राज्यपालश्री एल.पी. जोशी ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के मुख्य तकनीकी अधिकारी (सीटीओ) के रूप में पदभार ग्रहण कियाविरासत महोत्सव में आज भिन्न-भिन्न स्कूलों के 86 स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग कर तरह-तरह की कलाओं में अपने-अपने हुनर का रोचक एवं अद्भुत प्रदर्शन कियाप्रारंभिक शिक्षा के द्वादश राज्य स्तरीय क्रीड़ा प्रतियोगिता 2025 के द्वितीय दिवस का शुभारंभ उत्तराखंड की प्रथम महिला बॉडीबिल्डर प्रतिभा थपलियाल जी द्वारा किया गया

वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अवगत कराया है कि 11 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा

 वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अवगत कराया है कि 11 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा

सचिव/वरिष्ठ सिविल जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अवगत कराया है कि 11 फरवरी 2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से अधिक से अधिक वाद निस्तारित किये जाने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय लोक अदालत में फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एन.आई. एक्ट से सम्बन्धित वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर सम्बन्धित वाद, वैवाहिक/कुटुम्ब न्यायालयों के वाद (विवाह विच्छेद को छोड़कर), श्रम सम्बन्धित वाद, भूमि अर्जन के वाद, दीवानी वाद, राजस्व सम्बन्धित वाद, वेतन-भत्तों एवं सेवानिवृत्ति से सम्बन्धित वाद, घन वसूली से सम्बन्धित वाद, विद्युत एवं जलकर बिलों के मामलें (अशमनीय मामलों को छोड़कर) 12 अन्य ऐसे मामले जो सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित हो सके।

अतः जो पक्षकार अपने यादों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित करवाना चाहते है, वह सम्बंधित न्यायालय, जहाँ उनका मुकदमा लम्बित है, में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से 10 फरवरी 2023 तक किसी भी कार्यदिवस में प्रार्थनापत्र देकर अपने वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये नियत करवा सकते हैं। उक्त लोक अदालत में आपसी रजामन्दी से वादों का निस्तारण किया जाता है तथा काफी कम खर्चे में व समय पर वाद निस्तारित हो जाते हैं, जिससे समाज का गरीब वर्ग भी अपने वादों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में निस्तारित कर लाभान्वित होते हैं। लोक अदालत में निस्तारित वादों में पक्षकारों को यह भी फायदा मिलता है कि उनके द्वारा अदाल किया गया न्याय शुल्क वापस हो जाता है तथा इसका फैसला अंतिम होता है।

Rakesh Kumar Bhatt

https://www.shauryamail.in

Related post

error: Content is protected !!