Ram Navami 2025 : जानिए कब है राम नवमी? जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
शुक्रवार 04 अप्रैल 2025
रामनवमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च-अप्रैल के महीने में आती है। इस दिन भक्तजन व्रत रखते हैं, रामायण का पाठ करते हैं, भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, और मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है, भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने जीवनभर धर्म, सत्य और कर्तव्य का पालन किया। रामनवमी का पर्व हमें उनके आदर्शों को अपनाने और सत्य व न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. आइए जानते हैं साल 2025 में रामनवमी का पर्व कब मनाया जाएगा।
इस साल कब है राम नवमी ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं इस तिथि का अगले दिन, 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समापन हो जाएगा. हिंदू धर्म में उदयातिथि मान्य होती है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जाएगी।
राम नवमी पूजा विधि
स्नान और संकल्प : इस पावन दिन की शुरुआत प्रातः स्नान करके भगवान श्रीराम का स्मरण करने से करें।
मूर्ति स्थापना : पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
पूजा सामग्री अर्पण : भगवान को चंदन, पुष्प, धूप और अक्षत अर्पित करें।
दीप प्रज्वलन : शुद्ध देसी घी का दीप जलाकर भगवान को भोग लगाएं, जिसमें फल, मिठाई और पंचामृत हो।
रामचरितमानस और मंत्र जाप : इस दिन रामचरितमानस, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
आरती और क्षमा प्रार्थना : अंत में भगवान श्रीराम की आरती करें और सभी के कल्याण की प्रार्थना करें।
रामनवमी का महत्व
रामनवमी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है यह भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का दिन है, जो धर्म, सत्य, न्याय और मर्यादा के प्रतीक हैं. यह पर्व भक्तों को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देता है और जीवन में सद्गुणों को अपनाने का संदेश देता है। श्रीराम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है, जिन्होंने धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए जन्म लिया था। इस दिन भक्त रामायण और रामचरितमानस का पाठ करते हैं, राम कथा सुनते हैं और भजन-कीर्तन के माध्यम से भगवान का स्मरण करते हैं।
भगवान राम ने अपने जीवन में सत्य, धर्म और मर्यादा का पालन किया। यह पर्व हमें सिखाता है कि हमें अपने जीवन में सच्चाई और कर्तव्य के मार्ग पर चलना चाहिए। रामनवमी विभिन्न समुदायों को जोड़ने और समाज में प्रेम, शांति और सद्भावना को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करती है, इस दिन जगह-जगह झांकियां और शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं, जिनमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की झलक देखने को मिलती है।