सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से दो किलो चीनी भी पूरी नहीं मिल पाएगी उपभोक्ताओं को
सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से दो किलो चीनी भी पूरी नहीं मिल पाएगी उपभोक्ताओं को
नैनीताल, हर राशन कार्ड धारक को दो किलो चीनी देने की घोषणा पहले ही माह दम तोड़ गई है। आरएफसी की ओर से मांगे गए बजट के अनुसार सरकार से जारी बजट से हर कार्ड धारक के हिस्से में 1.8 किग्रा ही चीनी पहुंच पा रही है। शासन ने पहले माह ही चीनी बजट में हर कार्ड धारक के कोटे से 200 ग्राम की चुंगी मार ली है। इस बीच कमीशन की भुगतान नहीं होने से नाराज दुकानदारों ने सरकारी चीनी बांटने से इनकार कर दिया है। आरएफसी कुमाऊं ने शासन से आठ करोड़ रुपये बजट मांगा था, मगर छह करोड़ ही मिला। इससे कुमाऊं के छह जिलों के अलावा पौड़ी और चमोली के आंशिक क्षेत्र के 10 लाख 78 हजार राशन कार्ड धारकों के लिए 17 हजार 670 कुंतल चीनी खरीदी गई। बजट अनुसार हर परिवार के कार्ड से 200 ग्राम चीनी की कटौती हो रही है। सस्ता गल्ला दुकानदारों के मुताबिक एक कुंतल चीनी पर उन्हें 8.85 रुपये कमीशन मिलता है। गोदाम से चीनी उठान के लिए किराया जेब से देना पड़ता है। एक कुंतल चीनी उठान पर 50 रुपये खर्च होते हैं। यानी एक कुंतल पर हर दुकानदार को 41.15 रुपये घाटा होगा। ऐसी स्थिति में नुकसान उठाकर कोई चीनी नहीं बांटेगा। ऊपर से सरकार ने दो किलो प्रति कार्ड चीनी की घोषणा कर 200 ग्राम की कटौती कर दी है। इसका विरोध कोई राशन दुकानदार नहीं झेल सकता है। गल्ला स्वामियों की माने तो आधी-अधूरी चीनी बांटने में उन्हें शर्म आ रही है। डीलरों ने चीनी वितरण के लिए कमीशन और किराये पर भी सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि डीलर नुकसान उठाकर चीनी नहीं बांटेगा। बीती चार जून को खाद्य मंत्री ने अधिकारियों को दुकानों पर चीनी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।