MSRTC ने बस सेवा रोकी
MSRTC महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बस सेवा नहीं चलाएगा
राज्य निगम की बसें महाराष्ट्र से कर्नाटक नहीं जाएंगी। राज्य में बस सेवा चलाने वाली एमएसआरटीसी ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बस सेवा नहीं चलाने का फैसला किया है। पुणे में शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक की बसों में तोड़फोड़ की। उन्होंने स्याही फेंकी और नेम प्लेट को काला कर दिया। इन बसों पर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जय महाराष्ट्र लिखा।
क्या है महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद?
मराठी भाषी महाराष्ट्र का गठन 1960 में हुआ लेकिन शुरू से ही महाराष्ट्र का दावा कर्नाटक को दिए गए चार जिलों विजयपुरा, बेलगावी (बेलगाम), धारवाड़, उत्तर कन्नड़ा के 814 गांवों पर रहा है। यहां मराठी भाषा बोलने वाले बहुसंख्यक हैं। महाराष्ट्र इन चार जिलों के 814 गांवों पर अपना दावा करता रहा है। वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक भी महाराष्ट्र की सीमा से लगते कन्नड़ भाषी 260 गांवों पर अपना दावा करता है।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला
दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत सरकार ने अक्टूबर 1966 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश मेहरचंद महाजन की अध्यक्षता में महाजन कमीशन बनाया। महाजन कमीशन ने 1967 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमीशन ने 264 गांवों को महाराष्ट्र में मिलाने और बेलगाम के साथ 247 गावों को कर्नाटक में ही रहने देने की सिफारिश की। हालांकि केंद्र सरकार ने महाजन कमीशन की सिफारिश को नहीं लागू किया और विवाद यूं ही चलता रहा। मामला 2004 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अब भी लंबित है।