फीफा विश्व कप की चमचमाती गोल्डन बॉल पर लियोनेल मेसी ने कब्जा जमाया
कतर में हुए फीफा विश्व कप 2022 के फाइनल मुकाबले में भले ही चमचमाती ट्रॉफी को अर्जेंटीना की टीम ने उठाया हो। मगर इस टूर्नामेंट में कई अन्य खिलाड़ियों के नाम भी चमके है। फीफा विश्व कप की चमचमाती गोल्डन बॉल पर लियोनेल मेसी ने कब्जा जमाया है। वहीं अर्जेंटीना के एंजो फर्नांडेज को यंग प्लेटर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब मिला है। बता दें कि एंजो फर्नांडेज महज 21 वर्ष के हैं।
इन्हें मिला सबसे प्रतिष्ठित गोल्डन बूट
फ्रांस की टीम के स्टार खिलाड़ी किलियन एम्बाप्पे को फीफा विश्व कप का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड गोल्डन बूट मिला है। फीफा विश्व कप 2022 के दौरान किलियन एम्बाप्पे ने सर्वाधिक गोल कर गोल्डन बूट खिताब को हासिल करने में सफलता पाई है। विश्व कप के फाइनल मुकाबले में किलियन एम्बाप्पे ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है। फीफा विश्व कप टूर्नामेंट के इतिहास में फाइनल मुकाबले में गोल करने की हैट्रिक लगाने वाले किलियन पहले खिलाड़ी बन गए है। वहीं अर्जेंटीना के एमिलियानो मार्टिनेज को बेस्ट गोलकीपर का खिताब दिया गया है। उन्होंने टूर्नामेंट में क्वाटरफाइनल मुकाबले में नीदरलैंड और फाइनल मुकाबले में फ्रांस की टीम को गोल करने के कई मौकों पर रोका। फाइनल मुकाबले में मार्टिनेज ने पेनल्टी शूटआउट के दौरान सबसे शानदार खेल दिखाते हुए फ्रांस की टीम को दो गोल से अधिक गोल करने का मौका नहीं दिया और अर्जेंटीना की टीम को विश्व विजेता बनने में अहम भूमिका निभाई।
गोल्डन बॉल पर हुआ इस खिलाड़ी का कब्जा
फीफा विश्व कप के अंत में एक खिलाड़ी को चुनकर गोल्डन बॉल दी जाती है जो इस बार लियोनेल मेसी को दी गई है। टूर्नामेंट के दौरान दमदार खेल दिखाने वाले खिलाड़ी को ही ये पुरस्कार मिलता है। वैसे इस ट्रॉफी को हासिल करने के लिए सूची में कीलियन एम्बाप्पे, यासिन बाउनेओ के अलावा विजेता टीम के कप्तान लियोनेल मेसी भी शामिल थे। इसका विजेता लियोनेल मेसी को बनाया गया। बता दें कि गोल्डन बॉल हासिल करते ही मेसी ने एक और इतिहास रचा है। मेसी दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिसे दो बार गोल्डन बॉल पुरस्कार मिला है।
पेनल्टी शूटआउट से हुआ विजेता का फैसला
शूटआउट में सब्सटीट्यूट गोंजालो मोंटियेल ने निर्णायक पेनल्टी गोल दागा। पेनल्टी शूटआउट में मेसी और एमबापे दोनों ने ही एक एक गोल दाग कर मुकाबला बराबरी पर रखा। फ्रांस की तरफ से किंग्स्ले कोमैन और ओरेलियेन चोउआमेनी गोल करने से पीछे रह गए थे।