आइपीएल का बाकी सत्र सितंबर-अक्टूबर में यूएई में खेला जाएगा। बीसीसीआइ पदाधिकारी ने आगे बताया कि बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आइपीएल के तुरंत बाद टी-20 विश्व कप शुरू हो जाएगा, ऐसे में उसके लिए किस तरह से पिचें तैयार की जाएंगी और हर मैदान पर कितनी पिचें तैयार की जाएंगी। दर्शकों के आने या नहीं आने की स्थितियों में किस तरह की योजना रहेगी। इन दोनों मुद्दों को लेकर भी चर्चा हुई।
बायो-बबल को लेकर सबसे लंबी चर्चा चली
इसके अलावा बायो-बबल (कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षित माहौल) को लेकर सबसे लंबी चर्चा चली, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि बायो-बबल को किस तरह से किया जाए, जिससे कि कोरोना का एक भी संक्रमण का मामला नहीं आए। साथ ही इसमें किस कंपनी को शामिल किया जाए। बैठक के दौरान इस बात का उदाहरण भी सामने रखा गया कि पिछली बार जब यूएई में आइपीएल हुआ था तो बायो-बबल ने बहुत अच्छा काम किया था।
ओमान में क्वालीफायर मैच कराने को लेकर भी चर्चा हुई
इसके अलावा ओमान में क्वालीफायर मैच कराने को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि, इसे लेकर अभी यूएई की सरकार से बात करनी पड़ेगी, क्योंकि इसमें एक पेंच यह भी है कि यदि हम ओमान में क्वालीफायर कराते हैं और जो दो टीमें क्वालीफाई होकर आएंगी तो अगर यूएई सरकार उन्हें 15 दिन के क्वारंटाइन पर भेजती है तो पूरा विश्व कप खतरे में पड़ जाएगा। उसके लिए अभी आइसीसी और बीसीसीआइ यूएई सरकार से अनुमति मांगेगे कि इसको लेकर छूट दी जाए कि वे टीमें ओमान के बायो-बबल से सीधे यूएई के बायो-बबल में आ जाएं और उन्हें क्वारंटाइन नहीं करना पड़े। अगर यूएई सरकार ये बात मानती है तभी ओमान में क्वालीफाइंग मैच कराए जाएंगे, नहीं तो दूसरा रास्ता देखा जाएगा।