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आई.आई.टी. रुड़की स्टूडेंट फेस्ट के दौरान 200 से अधिक छात्रों ने स्टेम सेल डोनर के तौर पर करवाया रजिस्ट्रेशन

रुड़की, ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में जागरूकता पैदा करने और लोगों को किसी की जान बचाने वाले व्यक्ति के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया ने इन दिनों चल रहे थॉम्सो स्टूडेंट फेस्ट के दौरान आई.आई.टी. रुड़की में ब्लड स्टेम सेल डोनर रजिस्ट्रेशन अभियान चलाया। इस जागरूकता अभियान के पहले दिन 200 से अधिक छात्रों ने संभावित डोनर्स के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाया। ब्लड कैंसर और खून से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ लड़ने का काम करने वाले एक गैर-लाभकारी संस्थान, डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. को आई.आई.टी. रुड़की में चल रहे छात्रों के तीन दिनों के फ़ेस्टिवल के दौरान कई और छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने की उम्मीद करता है।
भारत में, बहुत से बच्चे और जवान लोग ब्लड कैंसर के रोगी जिनके ठीक होने की बस एक ही उम्मीद है – स्टेम सेल ट्रांसप्लांट। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के सफल होने लिए रोगी को उसी के जैसे एक एच.एल.ए. (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) डोनर को ढूँढना पड़ता है। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले लगभग 30ः रोगियों को उनके ही परिवार के लोगों में से उनसे मेल खाने वाले डोनर मिल सकते हैं, बाकी 70ः रोगियों को उनसे मेल खाने वाले किसी डोनर को ढूँढने पर निर्भर होना पड़ता है जो उनका रिश्तेदार न हो।
डी.के.एम.एस. बी.एम.एस.टी. फाउंडेशन इंडिया के सी.ई.ओ. पैट्रिक पॉल ने कहा, ष्भारतीय मूल के रोगियों और डोनर्स के पास अनूठी एच.एल.ए. विशेषतायें होती हैं जो पूरे विश्व के डेटाबेस में बहुत ही कम दिखायी देती हैं, जिससे सही डोनर ढूँढना और भी मुश्किल हो जाता है। ब्लड स्टेम सेल के सफल ट्रांसप्लांट के लिए एच.एल.ए. टिश्यू का सही-सही मेल खाना ज़रूरी होता है। रजिस्ट्री में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व सबसे कम है। भारत के एक युवा देश होने के नाते, हमारा उद्देश्य छात्रों के ज़रिए ब्लड स्टेम सेल डोनेट करने के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाना है।”
थॉम्सो 22 के कन्वीनर नितिन साहू कहते हैं, ष्मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि थॉमसोश्22 डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. के साथ अपने उद्देश्य का प्रचार करने के लिए अपने ऑफिशिअल सोशल इनिशिएटिव पार्टनर के तौर पर मिलकर काम कर रहा है, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा जवान और सेहतमंद लोग ब्लड सेल्स को डोनेट करने और ज़िंदगियाँ बचाने में मदद करने के लिए आगे आयें।
पैट्रिक पॉल ने कहा, “रजिस्ट्रेशन ड्राइव का आयोजन करने में हमारी मदद करने के लिए हम आई.आई.टी. रुड़की और उसके छात्रों के आभारी हैं। डी.के.एम.एस.-बी.एम.एस.टी. का लक्ष्य देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीयों में खास तौर पर जवान लोगों को ध्यान में रखते हुए ऐसी कई जागरूकता ड्राइव्स और रजिस्ट्रेशन ड्राइव्स आयोजित करना है, क्योंकि वे लंबे समय तक रजिस्ट्री में रहते हैं और उनके स्टेम सेल के जल्दी से मेल खाने की संभावना ज़्यादा होती है।” स्टेम सेल डोनेट कर सकने वाले व्यक्ति के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए, आपको 18 से 50 साल की उम्र वाले एक सेहतमंद भारतीय होना चाहिए। जब आप रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तैयार हों, तो आपको केवल एक कॉन्सेंट फॉर्म भरना होता है और अपने गालों के अंदर से स्वैब द्वारा टिश्यू सैंपल देना होता है । आपके टिश्यू सैंपल को लेबोरेटरी में भेजा जाता है, वहाँ उसका विश्लेषण किया जाता है और स्टेम सेल डोनर्स के साथ मिलाने के लिए इंटरनेशनल सर्च प्लैटफॉर्म पर बिना नाम बताए लिस्ट किया जाता है।

Rakesh Kumar Bhatt

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