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चैहरे हत्याकांड का खुलासाः पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

 चैहरे हत्याकांड का खुलासाः पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

चैहरे हत्याकांड का खुलासाः पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार

 

रूद्रपुर,  चैहरे हत्याकांड को अंजाम देने के मुख्य आरोपी ने न सिर्फ दोस्ती के रिश्ते का कत्ल किया, बल्कि दोस्त की मां के भरोसे का भी खून कर दिया। अंकित और उदित की हत्या के बाद इसी भरोसे के बूते आरोपी अपने साथियों संग पानी पीने के बहाने अंकित के घर में दाखिल हुआ था। खटीमा पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चैहरे हत्याकांड के खुलासे पर पुलिस के अधिकारियों की पीठ थपथपाई और पुलिस टीम को ढाई लाख रुपये के इनाम की घोषणा की। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि रानू रस्तोगी, विवेक वर्मा, मुकेश शर्मा और सचिन सक्सेना ने मिलकर इस हत्याकांड का तानाबाना बुना। हत्याकांड का मास्टर माइंड रानू रस्तोगी था। 28 दिसंबर की शाम 7.30 बजे रानू और विवेक अंकित और उदित को सचिन के जन्मदिन की पार्टी के बहाने ले गये थे। सचिन और राहुल पहले ही घटनास्थल पर पहुंच गये थे। देर शाम 7.45 बजे रानू और विवेक अंकित-उदित को लेकर देवहा नदी के किनारे पहुंचे और यहां बहाने से गाड़ी रोक ली। इसी बीच सचिन और राहुल भी आ गये। इसके बाद चारों ने अंकित-उदित के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया, जिससे दोनों बेहोश हो गये। इसके बाद आरोपियों ने सर्जिकल ब्लेड से दोनों के गले रेते और शरीर में भी कई जगह गहरे घाव कर दिये।

इसके बाद आरोपी करीब सवा आठ बजे कार से अंकित के घर पहुंचे। रानू अक्सर अंकित के घर आता-जाता था। ऐसे में अंकित की मां आशा उसे जानती थीं। रानू ने पानी मांगने के बहाने दरवाजा खुलवाया। भीतर जाते ही आरोपियों ने आशा और उनकी मां सन्नो देवी की भी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी करीब एक घंटे तक घर को खंगालते रहे। उन्हें उम्मीद थी कि घर और घर के ही अगले हिस्से में बनी सर्राफा दुकान में लाखों की नगदी होगी। उन्हें घर में अलमारियों से तो 40 हजार रुपये मिले, लेकिन दुकान की तिजोरी डब्ल लॉक होने के कारण नहीं खुली। दूसरी चाबी अंकित की जेब में रह गयी थी, जो शव की बरामदगी के बाद मिली थी। नानकमत्ता में हुए चैहरे हत्याकांड का खुलासा होने के बाद जब हत्यारों के नाम सामने आए। तो हत्या के कारणों व हत्यारों के बारे में जान कर सभी को हैरानी हुई। बताया जा रहा है कि हत्याकांड की पटकथा खटीमा में क्रिकेट खेलने के दौरान ही बुनी गई थी। आरोपियों पॉलिटेक्निक कोर्स व बीकॉम की पढ़ाई कर रखी है।

पुलिस के अनुसार अंकित पहले कबाड़ का काम करते थे। करीब एक महीने पहले ही अंकित ने सर्राफा का काम शुरू किया था। इस दौरान अंकित ने दुकान, सोना-चांदी खरीद पर करीब 40 लाख रुपये लगाये थे। वहीं अंकित ने अपने घर की भी मरम्मत करवायी थी। रानू को इसकी पूरी जानकारी थी। यही वजह थी कि उसे लगा कि अंकित के पास मोटी रकम है। अंकित की तरक्की ने उसे लालच से भर दिया और उसने अपने दोस्त को ही लूटने, उसकी हत्या करने की साजिश रच डाली। अंकित रस्तोगी की हत्या का तानाबाना 27 दिसंबर को ही बुन दिया गया था। हत्यारोपियों ने अंकित और उदित को इसी दिन ठिकाने लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन वह अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए। इसके बाद 28 दिसंबर को उन्होंने चैहरे हत्याकांड को अंजाम दे डाला। पुलिस की लगभग 20 टीमों ने कड़ी मेहनत के बाद इस हत्याकांड का खुलासा किया है।

इस चैहरे हत्याकांड के खुलासे में बेहद अहम भूमिका निभाने वाली एएसपी रुद्रपुर ममता बोरा ने बताया कि रानू रस्तोगी, विवेक वर्मा, मुकेश शर्मा, सचिन सक्सेना ने 27 दिसंबर को अंकित को ठिकाने लगाने की योजना बना ली थी। यह लोग घूमने के बहाने अंकित और उदित को वैगनआर से साथ ले गए थे। बस स्टेशन के पास चाय पीने का बहाना बनाते हुए अंकित और उदित को चाय में बेहोशी की दवा डालकर दे दी थी।

इसके बाद यह लोग घंटे भर से अधिक समय तक कार में अंकित और उदित को बैठाकर घुमाते रहे। हत्यारोपी दोनों के बेहोश होने का इंतजार करते रहे, लेकिन अंकित और उदित पूरी तरह बेहोश नहीं हो पाए। अंकित रस्तोगी बेहद ठीक ठाक कद काठी का था। ऐसे में बिना बेहोश हुए हत्यारोपी उसपर काबू नहीं पा सकते थे। ऐसे में 27 दिसंबर को अंकित और उदित की हत्या की योजना धरी की धरी रह गई। वहीं 28 दिसंबर को हत्यारोपियों ने चैहरे हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्याकांड में प्रयुक्त की गई वैगनआर को विवेक ने रुद्रपुर से किराए पर लिया था। दो दिन के लिए कार की बुकिंग कराई गई थी। पुलिस ने जब अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया तो यही वैगनआर कार अंकित के घर के पास दिखाई दी। सीसीटीवी कैमरों में कार के ट्रेस होने के बाद पुलिस की जांच को ठोस दिशा मिल गई।

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद हत्यारोपी वैगनआर कार से ही सितारगंज देहात की ओर गए। वहीं अचानक यह कार खराब हो गई। इसके बाद हत्यारोपियों ने एक मैकेनिक के यहां कार को ठीक कराना चाहा। कार सही नहीं होने पर कार को यहीं छोड़कर हत्यारोपी बस से किच्छा चले गए। किच्छा से खटीमा निवासी सचिन सक्सेना वापस खटीमा अपने घर आ गया और यहीं सोया हालांकि पुलिस की जांच में इसके हत्या के संबंध में घर में कोई जानकारी दिए जाने की बात अब तक जांच में सामने नहीं आई है। वहीं रानू, विवेक और मुकेश किच्छा से बस से हरिद्वार चले गए एक दिन हरिद्वार रुके। उसके बाद रानू दिल्ली भाग गया और विवेक और मुकेश वापस सुभाष कालोनी रुद्रपुर आ गए। रानू रस्तोगी अपने किसी रिश्तेदार के यहां दिल्ली में ही रुक गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार अंकित के एक खास दोस्त पर परिजनों को हत्या का शक था। पुलिस ने जब इस दोस्त को हिरासत में लेकर पूछताछ की तब पहली बार रानू रस्तोगी का नाम सामने आया। यहीं से पुलिस ने रानू रस्तोगी की तलाश शुरू कर दी। सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी सचिन, विवेक, और मुकेश तक भी पहुंच गई। वहीं पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए रानू और मुकेश को तो हिरासत में ले लिया, लेकिन सचिन पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा और फरार हो गया। पुलिस पूछताछ में रानू रस्तोगी ने चैहरे हत्याकांड की पूरी कहानी बता दी। चैहरे हत्याकांड की जांच में फॉरेंसिक टीम ने मौके पर आशा देवी की मुठ्ठी से बाल का गुच्छा और मास्क बरामद किया। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस टीम ने तीन आरोपियों के डीएनए जांच के लिए सैंपल ले लिए हैं। इनका डीएनए सैंपल का मिलान आशा देवी के मुठ्ठी से मिले बालों से कराया जाएगा। डीएनए सैंपल के मिलान के बाद पुलिस के पास ठोस वैज्ञानिक सबूत भी उपलब्ध होगा।

Rakesh Kumar Bhatt

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