विशषज्ञों ने उपचार की आधुनिक तकनीक के बारे में बताया
विशषज्ञों ने उपचार की आधुनिक तकनीक के बारे में बताया
देहरादून, महंत इंदिरेश अस्पताल के पेन एंड पेलिएटिव केयर विभाग की ओर से दो दिवसीय सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) का आयोजन किया गया। रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन (आरएफए) तकनीक विषय पर आयोजित सीएमई में विशषज्ञों ने उपचार की आधुनिक तकनीक के बारे में जानकारी दी। साथ ही आपरेशन थियेटर से लाइव डेमो भी दिया गया।
अस्पताल सभागार में आयोजित सीएमई का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के उप प्राचार्य डा. उत्कर्ष शर्मा, डा. पुनीत ओहरी, डा. ललित कुमार वार्ष्णेंय, एनेस्थीसिया की विभागाध्यक्ष डा. रोबिना मक्कड़, पैथोलाजी की विभागाध्यक्ष डा. सीमा आचार्य व डा. सुलेखा नौटियाल ने किया। डा. रोबिना ने कहा कि अस्पताल में पेन एंड पेलिएटिव केयर विभाग शुरू होने के बाद मरीजों को बड़ी राहत मिली है। अभी तक मरीजों को इस प्रकार के उपचार के लिए बड़े शहरों की दौड़ लगानी पड़ती थी या सर्जरी ही विकल्प था। बताया कि एनेस्थीसिया विभाग की ओर से एक वर्षीय पीडीसीसी कोर्स भी कराया जा रहा है। निकट भविष्य में डीएम पेन एंड पेलिएटिव केयर भी शुरू होने जा रहा है।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर डा. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि असाध्य बीमारियों या अन्य कारणों से होने वाले शारीरिक दर्द के निवारण के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन एक आधुनिक तकनीक है। इंडियन सोसाइटी आफ पेन के सचिव डा. पंकज सुरंगे ने रेडियो फ्रिक्वेंसी के बारे में जानकारी दी। एम्स ऋषिकेश के एनेस्थीसिया एंड पेन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा.अजीत कुमार ने इसके वैज्ञानिक एवं मेडिकल पक्ष को समझाया। एम्स ऋषिकेश के एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रवीण तलवार ने चेहरे की नसों में होने वाले दर्द (ट्राइजमाइनल न्यूरेल्जिया) के कारण व उपचार की जानकारी दी। मुज्जफरनगर मेडिकल कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. अजका जुबैरी ने क्रानिक पेन मैनेजमेंट के बारे में बताया। एसजीआरआर मेडिकल कालेज के पेन एंड पेलिएटिव केयर की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. नेहा ने घुटने के दर्द के आरएफए तकनीक से उपचार पर व्याख्यान दिया। सीएमई के द्वितीय सत्र में घुटने, चेहरे और पीठ के दर्द का रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन तकनीक से इलाज किया गया। जिसका सजीव प्रसारण सभगार में बैठे युवा चिकित्सकों ने देखा। इस आयोजन में अमन शर्मा व राजेंद्र खंडूरी का विशेष सहयोग रहा।