धीरेंद्र प्रताप की मौसी नहीं रही
धीरेंद्र प्रताप की मौसी नहीं रही
देहरादून, उत्तराखंड की प्रतिपक्ष की नेता डॉक्टर इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप इंदिरा मौसी के नाम से पुकारा करते थे।
दरसल स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश धीरेंद्र प्रताप की स्वर्गीय माता सुमन लता भदोला जो उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन की प्रथम महिला जेल यात्री थी और उत्तर प्रदेश के कई निगमों व परिषदों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों पर पदासीन रही थी। दोनों एक-दूसरे को सगी बहनों की तरह प्यार करती थी। यही कारण था कि धीरेंद्र प्रताप इंदिरा हृदयेश को इंदिरा मौसी कहा करते थे। दोनों परिवारों के बीच करीब 40 वर्ष पुराने रिश्ते थे।
आज जब इंदिरा हृदयेश का अचानक निधन हुआ तो तमाम कांग्रेस के नेता जिन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, विजय सारस्वत समेत तमाम बड़े नेता शामिल थे। धीरेंद्र प्रताप को सांत्वना देते हुए यह कहते हुए दिखाई दिए धीरेंद्र प्रताप की तो मौसी गुजर गई। अपनी मौसी के शोक में ग्रस्त धीरेंद्र प्रताप पत्थर की तरह खामोश बने हुए थे। जिसने भी यह दृश्य देखा। सबकी आंखों में आंसू थे। ज्ञात रहे इंदिरा हिरदेश की मेहमान वाजी की भावना को आज सभी लोगों ने याद किया। कल देर रात तक कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह व अन्य नेताओं की अपने कमरा नंबर 303 में भोजन के अवसर पर बहुत ही प्रेम से और आत्मीयता से अगवानी के लिए याद किया जाता रहा था। कल ही उन्होंने घोषणा की थी फिर से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। परंतु विधाता को शायद यह मंजूर नहीं था। इससे भी ज्यादा दुख की बात यह रही कि कल 12 जून को ही धीरेंद्र प्रताप ने करीब 15 वर्ष पूर्व अपनी मां सुमन लता भदोला को खोया था व कल उनकी पुण्यतिथि का स्मरण कर रहे थे जबकि आज सिर्फ 1 दिन बाद यानी 13 जून को उन्हें अपनी प्रिय इंदिरा मौसी के वियोग को सहना पड़ा। ईश्वर की अपने लीला है। उनके चलते हुए चक्र में कब क्या हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।