धामी मंत्रिमंडल ने बजट,जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना,गैंगस्टर एक्ट में संशोधन को मिली मंजूरी - Shaurya Mail

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धामी मंत्रिमंडल ने बजट,जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना,गैंगस्टर एक्ट में संशोधन को मिली मंजूरी

 धामी मंत्रिमंडल ने बजट,जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना,गैंगस्टर एक्ट में संशोधन को मिली मंजूरी

उत्तराखंड(देहरादून),गुरुवार 22 फरवरी 2024

धामी मंत्रिमंडल की बुधवार को महत्वपूर्णबैठक ह़ुई। इसमें बजट प्रस्ताव,जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना,गैंगस्टर एक्ट में संशोधन,डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रमोशन,रेरा में दो संशोधनों, ऊर्जा विभाग के वर्ष 2022 के लेखा विवरण विधानसभा के पटल पर रखने सहित कई अहम बिंदुओं को मंजूरी दी गई है।

बुधवार को सचिवालय स्थित पंचम तल-वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बजट सत्र आहूत होने के चलते मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग नहीं की गई। मंत्रिमंडल में बजट प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिसे बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। जमरानी बांध और सौंग बांध परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। नदियों के सरफेस वॉटर वाले क्षेत्र जहां से पेयजल का इस्तेमाल हो रहा है, वहां नदी के कैचमेन्ट एरिया में बोरिंग पर रोक। ऊर्जा विभाग के वर्ष 2022 के लेखा विवरण विधानसभा के पटल पर रखने को मंजूरी के साथ आवास विभाग के अंतर्गत रेरा में दो संशोधनों पर निर्णय लिया गया।

आवास विभाग में 5 हजार वर्ग मीटर से बड़े प्रोजेक्ट में बनने वाले ईडब्ल्यूएस कोटे के भवनों की जगह अब संबंधित प्राधिकरण में शेल्टर फण्ड जमा कराया जा सकेगा जमा। अभी तक 5000 वर्ग मीटर से कम वालों को थी शेल्टर फण्ड जमा करने की सुविधा थी। आवास विभाग के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस प्रोजेक्ट बनाने के लिए अब ऊंचाई पर कोई रोक नहीं होगी। लिफ्ट की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पहले जी 3 का ही निर्माण होता था।

डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रमोशन को मंजूरी मिली। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के अंतर्गत इंडस्ट्री के रजिस्ट्री में अब पहले पूरी स्टाम्प ड्यूटी ली जाएगी और बाद में प्रतिपूर्ति दी जाएगी।

विश्वविद्यालय में कुलपति का पद रिक्त होने पर अब छह माह के लिए दूसरे विश्वविद्यालय के कुलपति को अतिरिक्त चार्ज दिया जा सकता है। गैंगस्टर एक्ट में संशोधन किया गया है। बालश्रम, जाली करेंसी, मानव तस्करी, बंधुआ मजदूरी भी गैंगस्टर एक्ट में शामिल है।

प्रदेश के 13 जनपदों मे शिक्षा विभाग की ओर से लैब ऑन व्हील चलाई जाएगी। शुरुआत में चार जिलों में संचालन होगा। शिक्षा विभाग के अंतर्गत कला वर्ग के शिक्षकों के लिए बीएड की अनिवार्यता हो गई है। संगीत शिक्षकों के लिए संगीत प्रभाकर डिग्री की अवधि 5 के बजाए 6 वर्ष होगी। एलटी शिक्षकों को पूरी सर्विस के दौरान एक बार अंतर मण्डलीय स्थानांतरण सुविधा मिलेगी। शिक्षकों को यात्रा अवकाश देने के लिए वित्त और न्याय विभाग को परीक्षण के लिए पत्रावली भेजी जाएगी। ग्राम विकास अधिकारियों को छह महीने के बजाए दो महीने का सवैतनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। बद्रीनाथ-केदारनाथ में निर्मित स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में उपकरण जल्द क्रय करने के लिए टेंडर प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।

जमरानी बांध परियोजना

उत्तराखंड राज्य के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 किलोमीटर अपस्ट्रीम में गोला नदी पर जमरानी बांध (1500 मी.ऊंचाई) का निर्माण प्रस्तावित है। नवीनतम,फसल चक्र व जल उपलब्धता के आधार पर सीसीए वर्तमान में 150027 हेक्टेयर है। परियोजना से प्रदेश के 9458 हेक्टेयर और उत्तरप्रदेश के 47607 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचन सुविधा प्रस्तावित है।

बांध निर्माण से हल्द्वानी काठगोदाम में 117 एमएलडी गुरुत्वीय व्यवस्था से पेयजल की आपूर्ति होगी, जिससे इस क्षेत्र की बढ़ती हुई पेयजल समस्या के निदान में भी सहायता मिलेगी और वर्तमान में पेयजल से हो रही जलापूर्ति पर निर्भरता कम होगी।

वर्ष 2023 मूल्य-स्तर पर परियोजना की नियोजन विभाग की टीएसी द्वारा संस्तुत कुल पुनरीक्षित लागत 3808.16 करोड़ सापेक्ष 1557.18 रोज मंत्रालय भारत सरकार की की ओर से अवशेष धनराशि उत्तरप्रदेश और राज्य के गाय हस्ताक्षरित एमओयू निर्धारित व्यवस्था के अनुसार संबंधित राज्यों की ओर से वहन के लिए मंत्रिमंडल से अनुमोदन दी गई है।

सौंग नदी पर बांध पेयजल परियोजना

जनपद देहरादून के अन्तर्गत शहरी एवं इसकी निराकरण एवं पेयजल आपूर्ति के लिए सौंग नदी पर पेयजल बांध परियोजना का निर्माण प्रस्तावित है। जिससे देहरादून शहर एवं उपनगरीय क्षेत्र के लिए 150 एमएलडी (1.75 क्यूमेक) पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी की ओर सुनिश्चित की जा सकेगी।

इसके फलस्वरूप भू-जल स्तर के गिरावट नियंत्रित होगी और पर्यावरण पर जो भी अत्यंत अनुकूल प्रभाव होगा। साथ ही बांध से बनने वाली झील से मत्स्य उत्पादन में वृद्धि के अतिरिक्त पर्यटन में भी वद्धि होगी। परियोजना की लागत 2491.96 करोड़ का वित्त पोषण भारत सरकार पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को विशेष सहायता मद के अन्तर्गत वित्त पोषण करने किये जाने और वन भूमि के अंतिम चरण की स्वीकृति हेतु पुनरीक्षित एनपीवी व कैट प्लान व पुनर्वास नीति के अनुसार विस्थापितों/प्रभावित विभाग की परिसम्पत्तियों के प्रतिकर एवं अन्य सहायता के लिए अनुमोदन मिला है।

Rakesh Kumar Bhatt

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