पूर्व सीएम हरीश रावत को सीबीआई ने थमाया नोटिस
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को 2016 के स्टिंग ऑपरेशन मामले में नोटिस जारी करके उनसे चार जुलाई को जांच एजेंसी के समक्ष पेशे होने और अपनी आवाज का नमूना देने को कहा है।
सीबीआई के अधिकारी बृहस्पतिवार की सुबह रावत के घर नोटिस की तामील कराने पहुंचे थे, लेकिन उस वक्त कांग्रेस नेता वहां नहीं थे।
रावत देर दिन में घर लौटे जिसके बाद उन्हें यह नोटिस दिया गया। घर लौटने की सूचना रावत ने स्वयं सीबीआई को फोन पर तथा सोशल मीडिया के माध्यम से दी।
सीबीआई की नोटिस पर कांग्रेस नेता ने कहा कि उनका और उनकी पार्टी का ‘इस षडयंत्रकारी स्टिंग ऑपेरशन’ से 2016-17 में जितना नुकसान हो सकता था, पहले ही हो चुका है।
रावत ने कहा, ‘‘मैं इस उम्मीद में किसी भी प्रकार का उत्पीड़न सहने को तैयार हूं कि एक दिन कानून हमारे साथ खड़ा होगा और सच्चाई सामने आएगी।’’ उन्होंने कहा कि वह सीबीआई अदालत और जरूरत पड़ने पर ऊपरी अदालतों में भी जाएंगे।
गौरतलब है कि 2016 में तत्कालीन कांग्रेस विधायकों ने हरीश रावत सरकार के खिलाफ विद्रोह करके भाजपा से हाथ मिला लियाथा, जिसके बाद यह स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था।
स्टिंग के इस वीडियो में अपनी सरकार बचाने के लिए रावत असंतुष्ट विधायकों का समर्थन फिर हासिल करने के लिए कथित तौर पर सौदा करते दिखाई दिए थे। वीडियो सामने आने के बाद पहले से अस्थिर प्रदेश की राजनीति में फिर हड़कंप मच गया था।
उस वक्त कांग्रेस विधायकों की बगावत के बाद बनी परिस्थितियों में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विधानसभा में हुए शक्तिपरीक्षण में बहुमत हासिल करके रावत सरकार फिर बहाल हो गयी थी लेकिन इसमें बागी विधायकों को मत डालने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था।