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ब्राजील सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कोवैक्सिन के आयात प्रस्ताव को मंजूरी दी

 ब्राजील सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कोवैक्सिन के आयात प्रस्ताव को मंजूरी  दी

ब्राजील सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कोवैक्सिन के आयात प्रस्ताव को मंजूरी दी 

ब्राजीलल सरकार ने कोरोना महामारी के बीच कोवैक्सिन के आयात प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उम्मीद है कि मंजूरी के बाद भारत बायोटेक कंपनी पहली खेप के तौर पर कोवैक्सिन के करीब 40 लाख डोज ब्राजील सरकार को दे सकती है। यह जानकारी ब्राजील की नेशनल हेल्थ सर्विलांस एजेंसी (ANVISA) ने दी है। ब्राजील सरकार ने कोवैक्सिन को लेकर कुछ सख्त नियम भी बनाए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कोवैक्सिन के सीमित डोज ही आयात करने को मंजूरी दी है। देश में अभी यह वैक्सीन लगाने पर प्रतिबंध है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सिन के इस्तेमाल और जांच के बाद ही अगला आर्डर दिया जाएगा।हेल्थ सर्विलांस एजेंसी ने कोवैक्सिन के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। ANVISA ने भारत में बने कोरोनावायरस के टीके कोवैक्सिन के मैन्यूफैक्चरिंग स्टैंडर्ड पर सवाल खड़े किए थे। उनका कहना है कि भारत बायोटेक की वैक्सीन उसके मानकों को पूरा नहीं करती इसलिए इसका उपयोग संभव नहीं है।

 

भारत बायोटेक ने अपने वैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए ब्राजील में 8 मार्च को अप्लाई किया था। इसके बाद कंपनी को ब्राजील सरकार से करीब 2 करोड़ डोज का ऑर्डर मिला हुआ है।तब आयात को लेकर कोई मंजूरी नहीं मिली थी। भारत बायोटेक ने कहा था कि भारत समेत कई देशों में कोवैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिली हुई है। कंपनी हर एक नियम का पालन करती है।भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एला ने कहा था कि कोवैक्सिन ने भारत में क्लीनिकल ट्रायल और इमरजेंसी यूज के तहत बहुत बेहतरीन सेफ्टी रिकॉर्ड का प्रदर्शन किया है। इसके भारत और दूसरे देशों में 3 करोड़ डोज सप्लाई किए गए हैं। इसमें कहीं भी सेफ्टी से जुड़े मसले सामने नहीं आए। कोवैक्सिन को अब तक 13 देशों में इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल चुकी है। 60 देशों में इसकी प्रोसेस चल रही है।उन्होंने कहा कि हम ऑक्यूजेन के साथ मिलकर अमेरिका में कोवैक्सिन लाने के लिए काम कर रहे हैं। अब कनाडा के मार्केट में इसे लाना चाहते हैं। भारत बायोटेक का मानना है कि वायरस के हर तरह के वैरिएंट पर असरदार होने के कारण कोवैक्सिन बच्चों समेत सभी के लिए जरूरी है।

Rakesh Kumar Bhatt

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