वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के लिए दावोस में मौजूद अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अल्बर्ट बोरला से दो पत्रकारों ने कोविड टीके को लेकर सवाल किया
अमेरिका स्थित फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अल्बर्ट बोरला को विश्व आर्थिक मंच की चल रही बैठक के दौरान इसके कोविड वैक्सीन की प्रभावकारिता के बारे में कई कठिन सवालों का सामना करना पड़ा। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के लिए दावोस में मौजूद अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज फाइजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अल्बर्ट बोरला से दो पत्रकारों ने कोविड टीके को लेकर सवाल किया। लेकिन फाइजर के सीईओ ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
रिबेल न्यूज के लिए काम करने वाले पत्रकारों ने बोरला से वैक्सीन को लेकर कई सवाल किए लेकिन उन्होंने बार-बार प्रश्नों को नजरअंदाज कर दिया। रिबेल न्यूज के एक पत्रकार को फाइजर के सीईओ से कई असहज सवाल पूछते देखा गया। सवालों के बीच उन्होंने सीईओ से पूछा कि निर्माता ने इस तथ्य को गुप्त क्यों रखा कि उसके टीके ने वायरस के संचरण को नहीं रोका। फाइजर प्रमुख ने बार-बार इन सवालों को टाल दिया, केवल “बहुत-बहुत धन्यवाद” और “आपका दिन शुभ हो” कहते नजर आए। वीडियो में पत्रकार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि आपने कहा था कि ये 100 प्रतिशत प्रभावी था, फिर 90 प्रतिशत, फिर 80 प्रतिशत, फिर 70 प्रतिशत, लेकिन अब हम जानते हैं कि टीके संचरण को नहीं रोकते हैं।
पत्रकार ने फाइजर प्रमुख का पीछा करना जारी रखा, भले ही उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं मांगी। एक अन्य सवाल में उन्हें यह कहते सुना गया कि क्या यह समय दुनिया से माफी मांगने और उन देशों को रिफंड देने का है, जिन्होंने नतीजे नहीं देने वाले टीके खरीदे। टीकाकरण अभियान शुरू होने के शुरुआती दिनों में फाइजर ने कई देशों में यह शर्त रखी। अगर कोई भी इसे अदालत में चुनौती देगा तो केंद्र सरकार हर बात के लिए जिम्मेदार होगी, न कि कंपनी। भारत के सूचना और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावोस में रिपोर्टर के साथ फाइजर के सीईओ की असहज मुठभेड़ के वीडियो को अटैच करते हुए ट्वीट किया, “बस सभी भारतीयों को याद दिलाने के लिए कि फाइजर ने भारत सरकार को क्षतिपूर्ति की शर्तों को स्वीकार करने के लिए धमकाने की कोशिश की। मंत्री ने कांग्रेस के राहुल गांधी, पी चिदंबरम और जयराम रमेश पर भी निशाना साधा और दावा किया कि तीनों भारत में विदेशी टीके लगाने को बढ़ावा दिया।
राहुल गांधी ने नवंबर 2020 में एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि भले ही फाइजर ने एक आशाजनक टीका बनाया है, लेकिन इसे हर भारतीय को उपलब्ध कराने के लिए लॉजिस्टिक्स को काम करने की जरूरत है। भारत सरकार को एक टीका वितरण रणनीति बनानी चाहिए और देखना चाहिए कि यह प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचेगी।