तकनीक को अपनाने से कार्यों में पारदर्शिता और व्यक्ति की जवाबदेही भी बढ़ेगी : राज्यपाल
उत्तराखंड,देहरादून : राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में तकनीक को अपनाना बेहद जरूरी है। तकनीक को नही अपनाने से हम विकास की दौड़ में पीछे रह सकते हैं। नवीन तकनीकों के माध्यम से जहां कार्यों में पारदर्शिता बढे़गी वहीं व्यक्ति की जवाबदेही भी बढ़ जाएगी।
मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कहीं। इस मौके पर राज्यपाल ने राजभवन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम का शुभारंभ किया। यूटीयू की ओर से तैयार किए गए इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम में राजभवन देहरादून और राजभवन नैनीताल में अवस्थित चीजों(इन्वेंट्री) के लिए क्यूआर कोड तैयार किया गया है। कुलपति यूटीयू ओंकार सिंह ने इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि एआई के माध्यम से देश और दुनिया में गति, शक्ति और प्रगति देखने को मिल रही है। यह एक ऐसा शक्तिशाली तंत्र है जिसने जीवन के हर पहलू को छुआ है। इसके माध्यम से दैनिक दिनचर्या से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं परिवहन जैसे क्षेत्र में क्रांति ला दी है।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में आईटी और एआई के माध्यम से पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने के उद्देश्य से इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम तैयार किया गया है। इन सिस्टम के माध्यम से डिजिटल पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित इस एप को राजभवन से प्रारंभ किए जाने से प्रदेश के अन्य विभागों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि राजभवन से इसकी शुरूआत किए जाने का उद्देश्य प्रदेश के अन्य विभागों एवं संस्थानों को एआई आधारित सिस्टम को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाना है। एआई के उपयोग से कार्यकुशलता में वृद्धि के साथ-साथ निर्णय लेने की क्षमता भी और बेहतर होती है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से अनेक कार्यप्रणालियों में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी। राज्यपाल ने यूटीयू, एनआईसी और यूपीईएस विश्वविद्यालय को सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
इस मौके पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन ने कहा कि राज्यपाल के मार्ग निर्देशन में आज एआई कार्यशाला और अन्य कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संपादित किया गया है। राज्यपाल के विजन के अनुरूप राजभवन से आईटी और एआई आधारित कार्यों की शुरूआत की गई है।
इस दौरान राज्यपाल ने एक राजभवन के लिए एआई आधारित स्मार्ट ओटोमेशन सिस्टम का भी शुभारंभ किया। इसके अंतर्गत पहले चरण में ऑनलाइन गेट पास सिस्टम, ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट तथा ई-इनविटेशन सिस्टम शुरू किया गया है। इस प्रक्रिया में राजभवन में आने वाले आगंतुक राजभवन की वेबसाइट पर जाकर कहीं से भी ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। गेट पर पहुंचते ही वहां लगा कैमरा उनकी पहचान करेगा, जिसके आधार पर वे राजभवन आ सकेंगे।
इसके अलावा विभिन्न राजकीय समारोह में राजभवन में आमंत्रित किए जाने वाले महानुभावों को ई-इनविटेशन प्रेषित किया जाएगा, जिसे गेट में दिखाकर वे राजभवन में प्रवेश कर सकेंगे। वरिष्ठ तकनीकी निदेशक संजय गुप्ता ने स्मार्ट ऑटोमेशन सिस्टम के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया।
कार्यशाला में एआई और रोबोटिक्स पर विषय विशेषज्ञों की ओर से उपस्थित लोगों को अपने-अपने प्रस्तुतिकरण दिए गए। इस कार्यशाला में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन उत्तराखंड विषय पर यूपीईएस के प्रो. संजीव ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षण गतिविधियों में एआई का प्रयोग कर शिक्षण को और रूचिकर व सुगम बनाया जा सकता है। यूपीईएस के प्रो. प्रिया रंजन द्वारा रोबोटिक्स के प्रयोग और उसके लाभ के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में यूपीईएस के प्रो. मुत्तुकुमार, प्रो. आर एस अय्यर और डॉ पद्मा ने एआई के विकास और गर्वनेंस में इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस सामान या इन्वेंट्री की पूरी जानकारी आ जाएगी। इसमें गृह अधिष्ठान अवार्ड, आईटी सेक्शन, लाइब्रेरी, पीडब्लूडी विद्युत एवं सिविल में उपलब्ध इन्वेंट्री को शामिल किया गया है। इससे उस सामान के लाए जाने से लेकर निष्प्रयोज्य होने तक की जानकारी उपलब्ध होगी।
इस कार्यक्रम में डीजीपी अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, एडीजी अंशुमान सिंह, अपर सचिव स्वाति एस भदौरिया सहित विभिन्न विभागों के सचिव, विश्वविद्यालयों के कुलपति, स्टेट एनआईसी ऑफिसर आशेष अग्रवाल सहित विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राएं व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।