सीडीएस विपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली पहुंचे कर्नल कोठियाल, कहा आज देश ने जाबांज योद्धा खो दिया - Shaurya Mail

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सीडीएस विपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली पहुंचे कर्नल कोठियाल, कहा आज देश ने जाबांज योद्धा खो दिया

 सीडीएस विपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली पहुंचे कर्नल कोठियाल, कहा आज देश ने जाबांज योद्धा खो दिया

सीडीएस विपिन रावत को अंतिम विदाई देने दिल्ली पहुंचे कर्नल कोठियाल, कहा आज देश ने जाबांज योद्धा खो दिया

देहरादून, आज आम आदमी पार्टी के सीएम प्रत्याशी कर्नल अजय कोठियाल ने दिल्ली पहुंचकर सीडीएस विपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को श्रद्धांजलि दी। उनके आवास पर पहुंचे कर्नल कोठियाल के साथ कई पूर्व सैनिक और यूथ फाउंडेशन के छात्र थे जो अपने रोल मॉडल सीडीएस विपिन रावत के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे थे। आज पूरा देश समेत उेत्तराखंड सीडीएस विपिन रावत को श्रद्धांजलि दे रहा है । कर्नल कोठियाल के उनके साथ बेहद करीबी रिश्ता था उनकी वीरता और विचारधारा के चलते कर्नल कोठियाल उनको अपना मेंटोर मानते थे।  अपने मेंटोर को अंतिम विदाई और आखिरी सलाम देने वो तड़के सुबह ही दिल्ली पहुंच गए थे । जहां उन्होंने सीडीएस विपिन रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि अर्पित की। कर्नल कोठियाल ने कहा हमारे द्वारा बनाई गई यूथ फाउंडेशन के पीछे सीडीएस रावत की सोच थी।उन्होंने कहा सीडीएस विपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए अब यूथ फाउंडेशन के कैंपों का नाम विपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा  ताकि वो हमारे जेहन में हमेशा जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा, वो हमेशा युवाओं के रोल मॉडल रहेंगे। उन्होंने बताया यूथ फाउंडेशन के युवा उनको हमेशा से अपना रोल मॉडल मानते थे जिसके चलते कर्नल कोठियाल के साथ यूथ फाउंडेशन के 500 से ज्यादा युवा और 100 से ज्यादा  पूर्व सैनिकों ने दिल्ली उनको आखिरी सलामी देने पहुंचे थे।
कर्नल कोठियाल ने बताया कि जनरल रावत हमेशा से  उनके मैंटोर रहे हैं जिन्होंने समय समय पर उनका मार्गदर्शन किया है। मेजर रहने के दौरान ही उनकी मुलाकात जनरल रावत से हुई थी जिसके बाद जनरल रावत से कई बार उनकी मुलाकात हुई। हर मुलाकात में उनसे कुछ न कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा उत्तराखंड के रहने वाले विपिन रावत को हमेशा उत्तराखंड से प्यार था वो अपने व्यस्त समय से टाइम निकाल कर बार बार यहां आते रहे। उन्होंने बताया रिटायर्ड होने के बाद उनकी दिली इच्छा उत्तराखंड में रहने की थी लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। कर्नल कोठियाल ने कहा कि यह पल बहुत ही भावुक पल है कि उनके मार्गदर्शन और देश और उत्तराखंड की शान जनरल विपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने कहा कि जब यह खबर उन्हें मिली थी तो उन्हें लगा कि जनरल रावत सकुशल होंगे लेकिन शायद नियति को यही मंजूर था। जनरल रावत समेत उनकी धर्मपत्नि और अन्य 11 लोग इस हादसे में शहीद हुए,जिससे पूरा देश स्तब्ध हो गया।

Rakesh Kumar Bhatt

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