कल्याण के लिए 11 करोड़ 50 लाख की राशि मुख्यमंत्री ने श्रमवीरों के खाताें में की हस्तांतरित

उत्तराखंड(देहरादून),बुधवार 15 अक्टूबर 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमवीरों के कल्याण के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय सभागार से 11 करोड़ 50 लाख की आर्थिक सहायता डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के सम्मान और कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार काे उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की बैठक हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के कल्याणार्थ ऑनलाइन पोर्टल एवं डीबीटी के माध्यम से लगभग 10,000 श्रमिकों एवं उनके परिजनों को कुल 11 करोड़ 50 लाख की आर्थिक सहायता राशि हस्तांतरित की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के सभी मनरेगा श्रमिकों को शीघ्रतापूर्वक भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत आच्छादित किया जाए। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता या विलंब स्वीकार्य नहीं होगा। अगले तीन महीनों के भीतर कम से कम 5 से 6 लाख श्रमिकों को बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए। श्रमवीरों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएं तभी प्रभावी सिद्ध होंगी जब अधिकतम श्रमिक इन योजनाओं से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रम विभाग एवं बोर्ड के अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे प्रत्येक श्रमिक तक पहुंच बनाएं और उन्हें सरकार की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं एवं सुविधाओं की पूरी जानकारी प्रदान करें। कई बार जानकारी के अभाव में पात्र श्रमिक योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं,जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि योजनाओं की जानकारी पंचायत स्तर तक पहुंचाई जाए और श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को अभियान रूप में चलाया जाए। राज्य सरकार श्रमवीरों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। श्रमिकों की मेहनत और समर्पण ही राज्य की प्रगति की वास्तविक नींव है, और ऐसे में सरकार का दायित्व है कि उन्हें हर संभव सुरक्षा, सुविधा और सम्मान प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मनरेगा श्रमिकों को कल्याण बोर्ड के अंतर्गत लाना हमारा लक्ष्य ही नहीं, यह सरकार की जिम्मेदारी है।” श्रमिकों को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए तथा समय-समय पर बोर्ड की ओर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के खनन राजस्व में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि सरकार की नवीन खनन नीति प्रभावी,पारदर्शी और सशक्त रूप से लागू की गई है। आज उत्तराखण्ड में खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और सख्त निगरानी व्यवस्था के कारण कहीं भी लीकेज या अनियमितता की कोई संभावना नहीं रह गई है। राज्य की यह नीति और कार्यप्रणाली अब अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के प्रतिनिधि अधिकारी भी उत्तराखंड आकर खनन क्षेत्र में लागू क्रियान्वित मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं और यहां की नीतियों और व्यवस्थाओं को अपने-अपने राज्यों में लागू करने के प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों में भी ऐसी ही दक्ष,पारदर्शी और परिणामोन्मुख व्यवस्था स्थापित करें जिससे जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ समय पर मिल सके और राज्य के राजस्व में सतत वृद्धि सुनिश्चित हो।
बैठक में सचिव श्रीधर बाबू अदाकी, अपर सचिव विनीत कुमार व श्रम विभाग एवं भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधिकारीगण उपस्थित रहे।