विरासत महोत्सव के चौथे दिन की सुबह विरासत साधना के साथ शास्त्रीय संगीत में निपुण भिन्न-भिन्न स्कूलों की कई छात्राओं के कत्थक, ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य के साथ प्रारंभ हुई

उत्तराखंड(देहरादून),मंगलवार 07 अक्टूबर 2025
विरासत महोत्सव के चौथे दिन की सुबह विरासत साधना के साथ शास्त्रीय संगीत में निपुण भिन्न-भिन्न स्कूलों की कई छात्राओं के कत्थक, ओडिसी एवं भरतनाट्यम नृत्य के साथ प्रारंभ हुई। इन प्रस्तुतियों को देख एवं सुनकर श्रोताओं ने बालिका कलाकारों के नृत्य की प्रशंसा की। महोत्सव में अपने-अपने नृत्यों पर प्रशंसा बटोरने पर विरासत साधना के सभी कलाकार बेहद खुश हुए।
आज मंगलवार को विरासत साधना पूरी तरह से भक्ति रस में डूबी रही, क्योंकि उसमें भिन्न-भिन्न स्कूलों की शास्त्रीय संगीत की साधना करने वाली छात्राओं ने अपनी शास्त्रीय संगीत कलाओं का बेहतर प्रदर्शन किया। अपनी-अपनी शास्त्रीय संगीत के साथ नृत्य का भक्ति एवं शास्त्रीय संगीत के साथ प्रदर्शन किया गया। जिसमें नृत्य किनकिरनी स्कूल ऑफ भरतनाट्यम डांस की मानवी सिंह, आई टी चिल्ड्रंस एकेडमी की रिनिका चमोली ने भरतनाट्यम पर प्रस्तुति दी। जबकि पीवाईडीएस लर्निंग एकेडमी की अदिति थापा, गुरु स्मृति संगीत शिक्षा केंद्र से तपस्या लिंगवाल, ब्रुकलिन स्कूल से प्रियंका खाती, दून सरला एकेडमी की छात्रा आद्या कुकरेती ने कत्थक नृत्य की शानदार काबिले तारीफ प्रस्तुति दी। आज की सांस्कृतिक विरासत साधना की श्रृंखला में हाइ परफॉर्मेंस सेंटर से देवयानी चौहान के साथ ही दून इंटरनेशनल स्कूल से ऐशानी शर्मा, दून किड्स स्कूल से रुचिका व्यास, द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस से ऋग्वैदिता भास्कर, केवी रायपुर से वेदांशी अत्री, एन मैरी स्कूल से गायत्री रौतेला ने भी कत्थक व भरतनाट्यम डांस के बेहतरीन परफॉर्मेंस देकर सभी का मन मोह लिया। तत्पश्चात विरासत साधना की कोऑर्डिनेटर श्रीमती कल्पना शर्मा द्वारा आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया।