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आज का राशिफल

 आज का राशिफल

रविवार 27 अक्टूबर 2024 

आइये प्रख्यात हस्तरेखा विशेषज्ञ विमल जैन से जानते है कि क्या कहते हैं आपके किस्मत के सितारे। कैसा जाएगा आपका आज का दिन।

  1. मेष – दिन शुभ, मनोवांछित सफलता का सुअवसर, विवादास्पद मसला सुलझने को, धर्म में आस्था, उच्चाधिकारियों से सम्पर्क का लाभ, संत समागम, यात्रा सार्थक।
  2. वृषभ – योजना अधूरी, व्यावसायिक निराशा, विरोधी प्रभावी, बढ़ते हुए खर्च से चिन्तित, मित्रों से तनाव, राजकीय पक्ष से उलझनें, आरोप-प्रत्यारोप से कष्ट, मनमुटाव।
  3. मिथुन – परिस्थितियों में सुधार, आत्मबल में वृद्धि, किसी आयोजन में सम्मिलित होने का सुअवसर, धन संचय की ओर प्रवृत्ति, विकास का मार्ग प्रशस्त, धर्म में आस्था।
  4. कर्क – ग्रहयोग भाग्य के पक्ष में, सुपरिचितों से विचार-विमर्श, कार्य-व्यवसाय में व्यवधान समाप्त, विवाद के समापन से खुशी, सुसंदेश की प्राप्ति, दर्शनीय स्थलों की यात्रा।
  5. सिंह – अभीष्ट कार्यों में सफलता, आरोग्य सुख, आमोद-प्रमोद के साधन सुलभ, शिक्षा के क्षेत्र में सफलता, यश-मान-: कृत्य संपन्न, धनागम में अनुकूलता।
  6. कन्या – स्वास्थ्य प्रतिकूल, व्यापारिक गतिरोध, मानसिक अशांति, व्यय की अधिकता, स्वजनों से अनबन, दूसरों की गलतफहमी के शिकार, नवीन कार्यों में शिथिलता।
  7. तुला – ग्रहयोग बेहतर, आत्मसंयम से कार्यों में सफलता, श्रेष्ठजनों से सम्पर्क, वैवाहिक अड़चनें समाप्त, संत समागम, आवागमन में अनुकूलता, सुखशान्ति का अनुभव।
  8. वृश्चिक – दिन शुभ, विनियोजित धन का प्रतिफल प्राप्त, स्वाध्याय की ओर रुझान, योजना के प्रति जागृत, कार्यक्षमता में वृद्धि, विवाद समापन पर, मनोविनोद के सुअवसर।
  9. धनु – भाग्योननति हेतु नवीन आयाम, स्वास्थ्य में सुधार, विरोधी परास्त, आहार-विहार में नवीनता, धन संचय की ओर प्रवृत्ति, ज्ञान-विज्ञान में रुचि, नवसम्पर्क उपयोगी।
  10. मकर – एकाग्रता का अभाव, कार्यसिद्धि में कठिनाइयां, राजकीय पक्ष से उलझनें, धन का अभाव, जीवन साथी के कुछ कष्ट, वाहन से परेशानी, विचारों में उग्रता भी।
  11. कुम्भ – अभीष्ट सिद्धि का प्रयास सार्थक, आत्मबल में वृद्धि, कर्ज की निवृत्ति का प्रयास, मन प्रसन्न, दाम्पत्य जीवन में मधुरता, पूँजी का प्रतिफल, यात्रा का सुपरिणाम।
  12. मीन – स्वास्थ्य सुधार की ओर, व्यापारिक लाभ का मार्ग प्रशस्त, आमोद-प्रमोद के साधन सुलभ, हर्षोल्लास, परोपकार की भावना, वाद-विवाद का समापन।

Rakesh Kumar Bhatt

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