उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना बड़ी चुनौती : राज्यपाल
उत्तराखंड, ऋषिकेश : उत्तराखंड के पर्यटन का लोकप्रिय स्थल होने के कारण राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने को एक बड़ी चुनौती बताते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने सोमवार को कहा कि जागरूकता के जरिए इनमें कमी लायी जा सकती है।
एम्स ऋषिकेश में ‘विश्व आघात सप्ताह’ के समापन के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि किसी भी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को बचाने के लिए शुरुआती एक घंटे का समय काफी अहम होता है और इस दौरान यदि उसे उचित इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक यात्राओं, तीर्थाटन और पर्यटन के लिए विशेष पहचान रखता है और प्रतिवर्ष करोड़ों लोग यहां सड़क मार्ग से यात्रा करने आते हैं। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे में राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक बड़ी चुनौती है और जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए ही इनमें कमी लायी जा सकती है।
उन्होंने एम्स ऋषिकेश की इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि आम लोगों को आघात (ट्रॉमा) चिकित्सा के प्रति जागरूक कर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ मीनू सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में अधिकतर मौतें सड़क दुर्घटनाओं में होती हैं और ऐसे में एम्स का प्रयास है कि इस प्रकार के आयोजनों से अधिक से अधिक लोगों को सजग और जागरूक किया जाए।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव और ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि विभाग ने पिछले एक वर्ष में 12 हजार लोगों को टेलीफोन हेल्पलाइन से आघात चिकित्सा के मामले में चिकित्सीय परामर्श दिया और 243 घायलों की जान बचाई।