रिस्पना पुनर्जीवन से जुड़े अवशेष कार्यों की प्रगति बढ़ाने के दिए निर्देश
रिस्पना पुनर्जीवन से जुड़े अवशेष कार्यों की प्रगति बढ़ाने के दिए निर्देश
देहरादून, जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जिला गंगा सुरक्षा समिति एवं रिस्पना पुनर्जीवन की वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम, जल संस्थान, नगर निगम देहरादून व ऋषिकेश, वन विभाग, सिंचाई विभाग, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यटन विभाग को गंगा सुरक्षा से सम्बन्धित तथा उत्तराखण्ड पेयजल निगम मसूरी, देहरादून और उत्तर शाखा, एमडीडीए, जल संस्थान मसूरी, सिंचाई विभाग तथा वन विभाग को रिस्पना नदी के पुनर्जीवन से जुड़े अवशेष कार्यों की प्रगति बढाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने गंगा सुरक्षा से जुडे़ कार्यों की समीक्षा के दौरान निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) उत्तराखण्ड पेयजल निगम ऋषिकेश को आई.एण्ड डी0 एवं 26 एम.एल.डी एसटीपी के कार्यों की प्रगति तेजी से बढाने तथा रम्भा नदी में सीवरेजलाइन बिछाने हेतु वन विभाग से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शीघ्रता से पूरी करने को कहा। उन्होंने उत्तराखण्ड जल संस्थान अनुरक्षण शाखा गंगा सब-डिविजन ऋषिकेश को सीवर संयोजन के अवशेष कार्यों की प्रगति तेजी से बढाने तथा सेप्टिक टैंकध्सोक पिट से सम्बन्धित लोगों की कोई शिकायत मिलने पर उस पर तत्काल कार्य पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश को निर्देशित किया कि ऋषिकेश में जैसे ही गंगा का जलस्तर नीचे जाता है उसके तुरन्त बाद घाटों से कूड़ा उठाते रहें और सफाई करें साथ ही दोनों समय सुबह-शाम फाॅगिंग करते रहें ताकि मच्छर ना पनपें। इसके अतिरिक्त डोर-टू-डोर कूड़ा नियिमित रूप से उठाते रहें।
जिलाधिकारी ने सिंचाई खण्ड, देहरादून को खदरी, खड़कमाफी के साथ ही छिद्दरवाला तथा अन्य ऐसे स्थानों पर जहां से नदियों में बाढ आने से जलभराव तथा भूमि कटाव की समस्या बनी रहती है ऐसे स्थानों पर नदियों में आवश्यकतानुसार चैनलाइजेशन का कार्य करते रहें। उन्होंने उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को गंगा और सहायक नदियों में प्रदूषण रोकथाम हेतु लगातार माॅनिटिरिंग करते रहें तथा ऐसी किसी भी गतिविधि पर अंकुश लगायें जिससे प्रदूषण होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने पर्यटन विभाग को लक्कड़घाट (ऋषिकेश) स्थित आॅक्सिडेशन पांेडस को साहसिक पर्यटन स्थल, मत्स्य पालन, , पिकनिक स्पाॅट इत्यादि हेतु विकसित किये जाने हेतु अगली मीटिंग में कार्ययोजना बनाकर प्रजेन्टेशन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन विभाग को स्मृति वन ऋषिकेश में नवग्रह वाटिका तथा नक्षत्र ग्रह वाटिका बनाने के निर्देश दिये साथ ही हाथी से सुरक्षा की दृष्टिगत फैसिंग, खाई खोदने इत्यादि के कार्य भी आवश्यकतानुसार करते रहने के निर्देश दिए।
रिस्पना नदी पुनर्जीवन की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम को लण्ढौर साउथ एसटीपी पर आने वाली क्षतिग्रस्त सीवर लाइ्रन को तत्काल ठीक करने के निर्देश दिये। उन्होंने एमडीडीए को उद्यान विभाग के समन्वय से रिवरफ्रन्ट डेवलपमैन्ट के अन्तर्गत सौन्दर्यीकरण व प्लान्टेशन से सम्बन्धित कार्यों को करने के साथ ही समय-समय पर रिस्पना नदी और बिन्दाल नदी के किनारे किसी तरह के अतिक्रमण को मुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम देहरादून को रिस्पना नदी से लगातार कूड़े -कचरे की नियमित सफाई करने तथा इसके लिए अधिक सफाई कर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिए। साथ ही शहर में नियमित फाॅगिंग, साफ-सफाई, डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की कार्यवाही लगातार करते रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग को देहरादून की रिस्पना, बिन्दाल, दुल्हनी नदियों में बाढ़ तथा जलभराव से सुरक्षा के मद्देनजर लगातार जरूरी स्थानों पर चैनलाईजेशन का कार्य करते रहने के निर्देश दिए साथ ही राजपुर हैड स्थित बैराज के पुनरूद्दार का कार्य भी तेजी से पूरा करने को कहा। अन्त में जिलाधिकारी ने रिस्पना पुनर्जीवन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभाग अगले 6 माह में उनके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की एक सप्ताह में कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करें। इस दौरान वर्चुवल बैठक से मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून राजीव धीमान व मसूरी कहकशां नसीम, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल सहित नगर निगम देहरादून व ऋषिकेश, पेयजल निगम व जल संस्थान के विभिन्न खण्ड, पर्यटन विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंचाई विभाग एमडीडीए सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।