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असम के स्पेशल डीजीपी सपरिवार परमार्थ निकेतन पहुंचे, स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद लिया

 असम के स्पेशल डीजीपी सपरिवार परमार्थ निकेतन पहुंचे, स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद लिया
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असम के स्पेशल डीजीपी सपरिवार परमार्थ निकेतन पहुंचे, स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद लिया

 

ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन में स्पेशल डीजीपी सीमा असम मुकेश अग्रवाल, विनीता अग्रवाल और अग्रवाल परिवार सदस्य पधारे। अग्रवाल परिवार ने परमार्थ गंगा तट पर विशेष पूजन किया तत्पश्चात परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने स्पेशल डीजीपी सीमा असम मुकेश अग्रवाल और विनीता अग्रवाल से असम में मुख्यमंत्री के साथ विगत वर्ष सम्पन्न हुयी सैनिटेशन कांक्लेव के सफलतापूर्वक आयोजन के विषय में अपने विचार साझा किये।

स्वामी जी ने कहा कि असम की धरती पर पवित्र कामाख्या मन्दिर विराजमान है जो दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है। उन्होंने नारी सशक्तिकरण, मेंस्ट्रूअल हाइजीन, चाइल्ड मैरिज प्रीवेंशन (बाल विवाह) डोमेस्टिक वायलेंस (घरेलू हिंसा), जल एवं पर्यावरण संरक्षण आदि कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। स्वामी जी ने ऐतिहासिक स्थान असम के शिवसागर का जेरेंगा पोथर, जहाँ 17वीं शताब्दी में अहोम राजकुमारी जॉयमती ने अपने जीवन का बलिदान दिया था, उनकी वीरता और साहस की चर्चा करते हुयेे कहा कि राजकुमारी जॉयमती ने अपने पति के लिये अपने जीवन का बलिदान कर दिया। राजकुमार गोदापानी असम के राजा बनाने और असम में स्थिरता और शांति के युग की शुरुआत करने में राजकुमारी जाॅयमती का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

स्वामी जी ने स्पेशल डीजीपी सीमा मुकेश अग्रवाल ने वर्तमान में भारत सहित पूरी दुनिया में व्याप्त कोरोना महामारी के बारे में बात करते हुये कहा कि अब जल और पर्यावरण सरंक्षण पर हर एक को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पुलिस बल जल संरक्षण के विशेष भूमिका निभा सकते हैं। पुलिस कानून व्यवस्था बनाये रखने, संपत्ति की रक्षा करने, नागरिक अव्यवस्था को सीमित करने के साथ-साथ पर्यावरण और जल संरक्षण हेतु भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है।

स्पेशल डीजीपी सीमा मुकेश अग्रवाल ने कहा कि परमार्थ निकेेतन द्वारा वर्षो से मानवता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अद्भुत कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी द्वारा शुरू की गंगा आरती के माध्यम से वैश्विक पटल पर पर्यावरण संरक्षण का जो संदेश दिया जा रहा है अनुकरणीय है।

Rakesh Kumar Bhatt

http://www.shauryamail.in

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