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गंगा में मेडल बहाएंगे पहलवान, आमरण अनशन का एलान, बोले- अब जीने का कोई मतलब नहीं

 गंगा में मेडल बहाएंगे पहलवान, आमरण अनशन का एलान, बोले- अब जीने का कोई मतलब नहीं

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे देश के शीर्ष पहलवानों के पदकों को गंगा में प्रवाहित करने की योजना की घोषणा के कुछ घंटे बाद हरिद्वार पुलिस ने कहा कि वह पहलवानों को जिले में प्रवेश करने या पदक विसर्जित करने से नहीं रोकेंगे। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो हम उन्हें नहीं रोकेंगे। न ही मुझे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से ऐसा कोई निर्देश मिला है।सिंह ने कहा कि लोग गंगा में सोना, चांदी और अस्थियां विसर्जित करते हैं और पहलवान चाहें तो अपने पदक विसर्जित कर सकते हैं। सिंह ने कहा कि गंगा दशहरा के अवसर पर लगभग 15 लाख तीर्थयात्री गंगा में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हरिद्वार आते हैं और पहलवानों का भी स्वागत है।

बता दें कि रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा कि पहलवान मंगलवार को शाम छह बजे पदकों को पवित्र नदी में विसर्जित करने के लिए हरिद्वार जाएंगे। साक्षी ने बयान में कहा कि पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे’ साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया।

Rakesh Kumar Bhatt

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